
लोकसभा में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनिल फिरोजिया ने एक बड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले मशहूर रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस शो में अश्लीलता और गलत भाषा को बढ़ावा दिया जाता है, जो समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
लोकसभा में उठाया गया ‘बिग बॉस’ पर बैन का मुद्दा
मध्य प्रदेश के उज्जैन से लोकसभा सांसद अनिल फिरोजिया ने सदन में ‘जीरो ऑवर (Zero Hour)’ के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि ‘बिग बॉस’ भारतीय टेलीविजन का एक बहुत लोकप्रिय रियलिटी शो है, जिसे करोड़ों लोग देखते हैं। लेकिन अब यह शो अपने अश्लील कंटेंट और विवादों की वजह से खराब प्रभाव डाल रहा है।
शो में बढ़ती अश्लीलता और विवाद
अनिल फिरोजिया ने कहा कि शुरुआत में ‘बिग बॉस’ एक आम रियलिटी शो था, लेकिन समय के साथ इसमें अश्लीलता, अभद्र भाषा और अनावश्यक विवादों की संख्या बढ़ती चली गई। यह चीजें न केवल शो देखने वालों को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक असर डाल रही हैं।
उन्होंने कहा कि टेलीविजन का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, खासकर बच्चों और युवाओं पर। यदि इस तरह के कार्यक्रम खुलेआम प्रसारित होते रहेंगे, तो यह हमारी संस्कृति और मूल्यों को नुकसान पहुंचा सकता है।
सलमान खान का जिक्र, शो पर बैन की मांग
अनिल फिरोजिया ने शो के होस्ट सलमान खान का नाम लेते हुए कहा कि इस शो को तुरंत बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा,
“मैं मांग करता हूं कि ‘बिग बॉस’ और ऐसे अन्य रियलिटी शोज पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि समाज को गलत दिशा में जाने से रोका जा सके।”
‘बिग बॉस’ पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
गौरतलब है कि ‘बिग बॉस’ पर पहले भी कई बार सवाल उठाए गए हैं।
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इस शो को लेकर कई सामाजिक संगठनों और दर्शकों ने शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
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कई बार इसके कंटेंट को अश्लील और आपत्तिजनक बताया गया है।
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कुछ लोग इसे मनोरंजन का एक जरिया मानते हैं, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यह शो नैतिकता के खिलाफ काम कर रहा है।
सरकार की क्या होगी प्रतिक्रिया?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सांसद अनिल फिरोजिया की इस मांग पर सरकार क्या रुख अपनाती है। क्या वाकई ‘बिग बॉस’ जैसे शोज पर कोई कार्रवाई होगी, या यह मुद्दा सिर्फ चर्चा तक ही सीमित रहेगा?
‘बिग बॉस’ भारत का एक लोकप्रिय रियलिटी शो है, लेकिन समय के साथ इस पर विवाद बढ़ते जा रहे हैं। भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया की मांग ने इस बहस को फिर से ताजा कर दिया है कि क्या टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को अधिक नियंत्रित किया जाना चाहिए? अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रसारण मंत्रालय इस पर क्या निर्णय लेते हैं।