
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,400 से ज्यादा लोग घायल हैं और 139 लोग लापता हैं। राहत एजेंसियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या 10,000 से भी ज्यादा हो सकती है।
भूकंप के झटकों से कई देशों में दहशत
इस भूकंप के झटके न केवल म्यांमार, बल्कि भारत, बांग्लादेश, लाओस, चीन और थाईलैंड में भी महसूस किए गए। भूकंप से कई इमारतें जमींदोज हो गईं, सड़कें टूट गईं और कई इलाकों में बिजली तथा संचार सेवाएं ठप हो गईं।
शनिवार दोपहर 3:30 बजे एक और झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। दो दिनों के भीतर तीन बार 5 से ज्यादा तीव्रता के झटके आ चुके हैं, जिससे लोगों में दहशत बनी हुई है।
तेल पाइपलाइन और बिजली सेवाओं को नुकसान
भूकंप के कारण म्यांमार में तेल पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे ईंधन की किल्लत हो सकती है। कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों को टूटे हुए पुलों और खराब सड़कों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
राहत और बचाव कार्य जारी
भारत, रूस और बेलारूस सहित कई देशों ने राहत और बचाव कार्यों में सहायता भेजी है। बचाव दल लगातार मलबे से लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। लेकिन भारी नुकसान और राजनीतिक अस्थिरता के कारण राहत कार्यों में काफी चुनौतियां आ रही हैं।
म्यांमार में पहले से ही संकट
म्यांमार पहले से ही राजनीतिक संकट और गृहयुद्ध की मार झेल रहा है। इस भूकंप ने हालात को और बिगाड़ दिया है। राजधानी नेपीता में प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत शुरू कर दी है, लेकिन शहर के ज्यादातर हिस्सों में बिजली और फोन सेवाएं बंद हैं।
बैंकॉक से मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप के प्रभाव से 26 लोग घायल हुए हैं और 47 लोग लापता हैं।
म्यांमार में आए इस भयंकर भूकंप ने हजारों जिंदगियों को तबाह कर दिया है। बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन खराब बुनियादी ढांचे और संचार सेवाओं के ठप होने के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय म्यांमार की मदद के लिए आगे आ रहा है, लेकिन हालात कितनी जल्दी सामान्य होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है।