
पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। नवजोत कौर सिद्धू ने साफ़ शब्दों में ऐलान किया है कि वे आगामी 2027 विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब वे जनता की सेवा के लिए खुलकर राजनीति में उतरेंगी।
जनता से मिल रही हैं सीधे
नवजोत कौर ने बताया कि वे पिछले चार महीनों से लोगों के घर-घर जा रही हैं और चुपचाप मीटिंग्स कर रही हैं। उनका कहना है कि वे असल कार्यकर्ताओं से मिलने और उन्हें पहचानने में लगी हैं। उनका मकसद है कि ऐसे कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ा जाए जो वाकई उनके साथ पांच साल तक काम कर सकें।
उन्होंने कहा, “मैं बिना किसी शोर-शराबे के असली ज़मीन से जुड़े कार्यकर्ताओं से मिल रही हूं, ताकि हर सच्चे कार्यकर्ता से मेरा सीधा संपर्क हो सके।”
पिछली हार का किया ज़िक्र
नवजोत कौर सिद्धू ने पिछले चुनावों में मिली हार का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि वे केवल 6000 वोटों से हारी थीं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कार्यकर्ता उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ हो गए थे, जिसकी वजह से नुकसान हुआ।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को ज़रूरी कारणों से पंजाब से वापस जाना पड़ा था, जिसकी वजह से 36 चुनावी रैलियां रद्द करनी पड़ीं। इससे चुनाव प्रचार को बड़ा नुकसान पहुंचा।
राजनीति में फिर से सक्रिय
नवजोत कौर का यह ऐलान ऐसे समय आया है जब पंजाब की राजनीति में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब पूरी तरह राजनीतिक रूप से सक्रिय हो चुकी हैं और जनता से जुड़े मुद्दों पर काम करना चाहती हैं।
सिद्धू जोड़ी की वापसी?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या नवजोत कौर और नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर साथ मिलकर राजनीति में उतरेंगे? लोगों में इस बात को लेकर काफी उत्सुकता है।
नवजोत कौर सिद्धू का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले समय में वे बड़ी भूमिका में नजर आ सकती हैं। उन्होंने न सिर्फ अपनी मंशा जाहिर की, बल्कि साफ कर दिया कि अब वे जनता से सीधे जुड़कर ही राजनीति करेंगी। 2027 के चुनावों में उनकी भूमिका क्या होगी, यह देखने वाली बात होगी।