बिहार, जिसे कभी उद्योगों के लिए कम अनुकूल माना जाता था, अब आर्थिक विकास के नए रास्ते पर अग्रसर है। राज्य अपनी विशाल प्राकृतिक संपदाओं, प्रगतिशील नीतियों और उद्योग-हितैषी माहौल के कारण बड़े निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। हाल ही में अडानी ग्रुप, अंबुजा सीमेंट्स, और कोका-कोला जैसी कंपनियों ने बिहार में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की है।
बिहार का औद्योगिक पुनर्जागरण
राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि बिहार की औद्योगिक छवि में तेजी से सुधार हो रहा है। मिश्रा का कहना है कि “बिहार के प्रति उद्योग जगत में मौजूद पूर्वाग्रह अब खत्म हो रहे हैं।” हाल में अडानी ग्रुप ने बिहार में 8,700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जबकि अंबुजा सीमेंट्स ने 1,200 करोड़ रुपये की इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, कोका-कोला ने राज्य में अपनी बॉटलिंग क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है।
‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ से मिला प्रोत्साहन
2023 में आयोजित ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ निवेशक बैठक में 300 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया और 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस बैठक ने बिहार को निवेश के लिए एक अनुकूल गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद की। इस सप्ताह होने वाले इसके दूसरे संस्करण में और अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
निवेशकों को मिल रहे हैं वित्तीय प्रोत्साहन
बिहार सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार की वित्तीय प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। इनमें ब्याज दर पर छूट, माल एवं सेवा कर (GST) की वापसी, स्टाम्प शुल्क माफी, निर्यात सब्सिडी, परिवहन लागत में छूट, और सस्ती बिजली एवं भूमि शुल्क जैसी रियायतें शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य ने ‘एकल खिड़की प्रणाली’ (Single Window Clearance) लागू की है, जिससे निवेशकों को परियोजनाओं की स्वीकृति और प्रोत्साहनों के वितरण में सहूलियत मिलती है।
संसाधनों और श्रम शक्ति की भूमिका
बिहार की औद्योगिक प्रगति में संसाधनों और श्रम शक्ति का बड़ा योगदान है। राज्य सस्ते श्रम, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, और विशाल उपभोक्ता बाजार के लिए जाना जाता है। इन सब कारकों ने बिहार को पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बना दिया है।
अडानी, अंबुजा और कोका-कोला का निवेश
अडानी ग्रुप: राज्य में 8,700 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है, जिससे न केवल राज्य का औद्योगिक बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि रोजगार के भी बड़े अवसर उत्पन्न होंगे।
अंबुजा सीमेंट्स: कंपनी ने 1,200 करोड़ रुपये की लागत से एक नई सीमेंट इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है।
कोका-कोला: अपनी बॉटलिंग क्षमता का विस्तार कर बिहार में अपने बाजार को और मजबूत करने की तैयारी कर रहा है।
औद्योगिक धारणा में बदलाव
मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि बिहार लंबे समय तक औद्योगिक धारणा का शिकार रहा है। लेकिन सरकार की ठोस नीतियों और निवेशकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ने राज्य की छवि को बदल दिया है। मिश्रा कहते हैं, “बिहार में औद्योगिक संभावनाएं असीम हैं। हमने न केवल बड़े उद्योगों बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को भी प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”
पर्यटन के साथ उद्योग का विकास
बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। बौद्ध सर्किट, नालंदा और बोधगया जैसे विश्व धरोहर स्थलों को विकसित करने के लिए भी सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने से राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है।
बिहार: निवेशकों के लिए संभावनाओं का केंद्र
राज्य सरकार ने उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। नीति निर्माताओं के मुताबिक, बिहार अब न केवल घरेलू बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन गया है। सस्ते श्रम और संसाधनों की प्रचुरता के साथ राज्य पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
बिहार ने अपनी पुरानी छवि को पीछे छोड़ते हुए औद्योगिक विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। बड़े निवेश, बेहतर नीतियां, और उद्योग-हितैषी माहौल राज्य को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जा रहे हैं। नीतीश मिश्रा के नेतृत्व में बिहार अब एक ऐसा राज्य बन रहा है जो न केवल निवेशकों का स्वागत करता है, बल्कि उन्हें प्रगति के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं भी प्रदान करता है।