
पंजाब में नशे की लत और तस्करी को खत्म करने के लिए सरकार और पुलिस लगातार सक्रिय है। 31 मई को नशे के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा खत्म होने के बाद, अब पंजाब पुलिस ने एक नई रणनीति तैयार की है। पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि अब अगले 60 दिनों तक विशेष मुहिम चलाकर नशा तस्करों और सप्लायर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिलों में तैयार हो रही नई सूची
DGP गौरव यादव ने बताया कि जिलों, खुफिया विभाग और ANTF (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) से मिली सूचनाओं के आधार पर तस्करों और सप्लायर्स की नई लिस्ट तैयार की जा रही है। ये अभियान पूरे राज्य में चलेगा और नशे के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य है।
जेलों में होंगे नशा छुड़ाओ केंद्र
पंजाब सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जिससे राज्य की सभी जेलों में नशा छुड़ाओ केंद्र बनाए जाएंगे। इसका मकसद है कि जेलों में बंद नशा पीड़ितों को भी इलाज का मौका दिया जाए ताकि वे सामान्य जीवन में लौट सकें।
‘सेफ पंजाब’ व्हाट्सऐप चैटबोट से मिल रही मदद
पुलिस ने बताया कि ‘सेफ पंजाब व्हाट्सऐप चैटबोट’ (9779100200) से लोगों को नशे की सूचना देने में आसानी हो रही है। अब तक इससे 7635 जानकारियां मिली हैं, जिनमें से जांच के बाद 1596 एफआईआर दर्ज की गईं और 1814 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार
पुलिस ने साफ किया है कि जो लोग नशे का सेवन करते हैं, उन्हें अपराधी नहीं बल्कि मरीज माना जा रहा है। ऐसे 1121 लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के तहत इलाज और पुनर्वास के लिए भेजा गया।
हजारों लोगों को इलाज के लिए प्रेरित किया गया
पुलिस टीमों ने अब तक 5786 नशा पीड़ितों को इलाज के लिए छुड़ाओ केंद्रों में पहुंचाया है। इसके अलावा 6483 लोगों को केंद्रों में इलाज के लिए प्रेरित किया गया है।
‘ईच वन अडॉप्ट वन’ अभियान की शुरुआत
DGP ने एक खास पहल ‘ईच वन अडॉप्ट वन’ का एलान किया है। इसके तहत हर पुलिस अधिकारी कम से कम एक नशा पीड़ित को गोद लेगा और उसके इलाज व पुनर्वास पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देगा।
SHOs निभाएंगे खास भूमिका
थानों के SHO अब जमानत पर बाहर आए आरोपियों से सीधा संपर्क करेंगे और उनसे खुद नशा छोड़ने का वादा (घोषणा पत्र) लेंगे। ज़रूरत पड़ने पर उन्हें मेडिकल सहायता भी दी जाएगी, जबकि जो लोग बार-बार अपराध करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस नई रणनीति से उम्मीद है कि पंजाब में नशे के खिलाफ जंग और भी असरदार होगी।