
पंजाब सरकार ने खेती की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने धान की जगह मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ाना नहीं, बल्कि गिरते भूजल स्तर को रोकना और खेती को टिकाऊ बनाना भी है।
क्या है योजना?
इस साल राज्य सरकार ने 12,000 हेक्टेयर में की जाने वाली धान की खेती को मक्का की खेती में बदलने का फैसला किया है। इसके लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹17,500 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है।
कहां शुरू हो रही है योजना?
यह योजना छह जिलों में लागू की जा रही है:
बठिंडा
संगरूर
पठानकोट
गुरदासपुर
जालंधर
कपूरथला
इन जिलों के किसानों को धान के मुकाबले मक्का उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
पंजाब में पानी की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। धान की खेती में बहुत अधिक पानी लगता है, जिससे भूजल तेजी से नीचे जा रहा है। इसके विपरीत मक्का एक ऐसी फसल है जिसे कम पानी में भी अच्छी उपज मिलती है। साथ ही यह फसल पोषण से भरपूर होती है और इसके कई उपयोग हैं — जैसे:
पशु चारा
भोजन
स्टार्च और अन्य उद्योगों में इस्तेमाल
इससे किसानों को नया बाज़ार और बेहतर आमदनी के अवसर भी मिलेंगे।
किसानों को कैसे मिलेगा सहयोग?
राज्य सरकार ने किसानों को सही मार्गदर्शन देने के लिए 200 ‘किसान मित्र’ भी नियुक्त किए हैं। ये किसान मित्र किसानों को मक्का की खेती के तरीकों, समय और देखरेख के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
इसके साथ-साथ किसानों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी मिलेगा ताकि वे बिना किसी दिक्कत के मक्का की खेती को अपना सकें।
कितनी जमीन पर हो चुकी है बुवाई?
अभी तक राज्य में 1,500 हेक्टेयर जमीन पर खरीफ मक्का की बुवाई की जा चुकी है। यह शुरुआत आने वाले समय में मक्का की खेती को बड़ा विस्तार दे सकती है।
अधिकारियों की क्या राय है?
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा, “इस योजना से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि मिट्टी और पानी की सेहत भी सुधरेगी। यह पंजाब की खेती को टिकाऊ बनाने की दिशा में अहम कदम है।”
वहीं, कृषि विभाग के सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने कहा कि सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है ताकि वे बिना किसी डर के मक्का की ओर बढ़ सकें। सरकार खेती की लागत को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सहयोग और आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध करवा रही है।
पंजाब सरकार की यह फसली विविधता योजना किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। मक्का की खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है बल्कि यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो सकती है। यह एक ऐसा बदलाव है जो आज की जरूरत भी है और भविष्य का समाधान भी।