
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है। अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर रविवार, 27 अप्रैल 2025 को एनआईए ने जम्मू में केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। अब कई टीमें सबूत इकट्ठा करने और आतंकी साजिश का पता लगाने में जुटी हैं।
घटनास्थल पर गहन जांच और सबूतों की तलाश
एनआईए की टीम मंगलवार को हुए इस हमले के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंच गई थी। टीम ने इलाके के प्रवेश और निकास बिंदुओं की गहनता से जांच की। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से एनआईए पूरे क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण कर रही है ताकि हमले से जुड़ी हर कड़ी को जोड़ा जा सके। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
चश्मदीदों से हो रही पूछताछ
हमले की सच्चाई सामने लाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। एनआईए की टीम में एक महानिरीक्षक, एक उपमहानिरीक्षक और एक अधीक्षक जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो इस जांच की निगरानी कर रहे हैं। बैसरन घाटी के चश्मदीदों से मिली जानकारी के आधार पर हमले के पीछे की योजना को समझने की कोशिश की जा रही है।
देशभर में एनआईए की टीमें सक्रिय
एनआईए की टीमें देशभर में हमले में घायल बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से भी बातचीत कर रही हैं। महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। शुरुआती जांच से पता चला है कि हमले में 5 से 7 आतंकी शामिल थे। इनमें से दो स्थानीय आतंकियों ने पाकिस्तान से आए आतंकियों की मदद की थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकियों – आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के स्केच जारी किए हैं। उनके बारे में जानकारी देने वालों को 20-20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने हमले की रिकॉर्डिंग के लिए ‘बॉडी कैमरों’ का भी इस्तेमाल किया था।
एनआईए इस खौफनाक साजिश के हर पहलू को उजागर करने के लिए तेजी से काम कर रही है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।