
आज भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1,310 अंकों की छलांग लगाकर 75,157 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी 429 अंक चढ़कर 22,828 पर पहुंच गया। ये तेजी निवेशकों के लिए किसी अच्छे तोहफे से कम नहीं रही।
बड़ी वजह – अमेरिका ने लगाए ब्रेक!
इस उछाल की सबसे बड़ी वजह अमेरिका की ओर से आयात शुल्क यानी टैरिफ पर लिया गया बड़ा फैसला है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने 90 दिनों तक टैरिफ नहीं बढ़ाने का एलान किया है (सिर्फ चीन को छोड़कर)। इस फैसले ने दुनिया भर के शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल बनाया और इसका असर भारतीय बाजार पर भी साफ दिखा।
धातु और बैंकिंग शेयरों की बल्ले-बल्ले
आज के दिन धातु कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा चमके। टाटा स्टील, JSW स्टील और हिंडाल्को जैसी कंपनियों के शेयरों में 4% से 7% तक की बढ़त देखने को मिली। निफ्टी मेटल इंडेक्स में करीब 4% का उछाल आया।
सिर्फ मेटल ही नहीं, बैंकिंग सेक्टर में भी शानदार प्रदर्शन रहा। एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बड़े बैंकों के शेयरों में 2% से ज्यादा की बढ़त देखी गई। इससे निवेशकों को अच्छा खासा फायदा हुआ।
मिडकैप और स्मॉलकैप ने भी किया कमाल
बड़ी कंपनियों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी जानदार प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में करीब 1.84% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.04% की तेजी दर्ज हुई। इससे यह साफ हो गया कि तेजी सिर्फ बड़े स्टॉक्स तक सीमित नहीं रही।
कुछ खास कंपनियों की हलचल
टाटा स्टील के शेयर 4.91% बढ़कर ₹133.45 पर बंद हुए।
एलएंडटी (L&T) का शेयर भी 1.89% चढ़ा, हालांकि कुछ अन्य कंपनियों की तुलना में थोड़ा पीछे रहा।
बायोकॉन (Biocon) के शेयरों में 5.58% की उछाल आई क्योंकि कंपनी को अमेरिका से एक अहम दवा (Everolimus Tablets) की मंजूरी मिली है।
आगे क्या रहेगा बाजार का मूड?
विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल बाजार में राहत की सांस जरूर है, लेकिन अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव अभी भी चिंता का विषय हैं। टेक्निकल एनालिस्ट्स का कहना है कि निफ्टी के लिए अगला बड़ा स्तर 23,000 का हो सकता है, जबकि नीचे की ओर 22,750 एक मजबूत सपोर्ट रहेगा।
निवेशकों के लिए संदेश
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो यह समय सतर्क रहकर अच्छे शेयरों में निवेश करने का हो सकता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां वैश्विक फैसलों का सकारात्मक असर दिख रहा है, जैसे मेटल, बैंकिंग और फार्मा।