बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रूटीन हेल्थ चेकअप के बाद सोमवार देर शाम पटना लौट आए। हालांकि, उनके दिल्ली दौरे से जुड़े घटनाक्रम और निर्धारित कार्यक्रम से पहले पटना लौटने ने बिहार की राजनीति में कई अटकलों को जन्म दे दिया है। नीतीश कुमार, जो अपने चौंकाने वाले राजनीतिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
दिल्ली दौरा और सियासी चर्चाएं
नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा था। बताया जा रहा था कि सोमवार शाम 4:30 बजे उनकी मुलाकात भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से होने वाली थी। लेकिन, यह बैठक नहीं हो सकी और तय कार्यक्रम के बजाय नीतीश कुमार सोमवार देर शाम ही पटना लौट आए।
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार की भारतीय जनता पार्टी (एनडीए) से नाराजगी फिर से बढ़ रही है। हालांकि, एनडीए के नेताओं ने इन अटकलों को खारिज किया है।
पटना लौटने के बाद पहला कार्यक्रम
पटना लौटने के बाद नीतीश कुमार सबसे पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर के विदाई समारोह में शामिल हुए। पटना एयरपोर्ट पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान बिहार सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे।
हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर क्या कोई बड़ा फैसला करेंगे या नहीं। बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर राज्य में राजनीतिक दबाव बना हुआ है। प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव जैसे नेताओं ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को अल्टीमेटम दे रखा है।
बीपीएससी अभ्यर्थियों का मुद्दा
बीपीएससी अभ्यर्थियों के मामले में मुख्यमंत्री पर निर्णय लेने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। अभ्यर्थियों की मांगें लंबे समय से लंबित हैं, और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हैं। नीतीश कुमार के दिल्ली से लौटने के बाद यह उम्मीद लगाई जा रही है कि वे इस पर कोई ठोस कदम उठा सकते हैं।
राजनीतिक फैसलों के लिए चर्चित नीतीश कुमार
नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर में उनके चौंकाने वाले फैसलों की लंबी फेहरिस्त है। चाहे एनडीए से महागठबंधन में जाना हो, फिर महागठबंधन से एनडीए में वापसी करना, या बिहार में शराबबंदी कानून लागू करना—उनके हर फैसले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।
एनडीए से नाराजगी की अटकलें
दिल्ली दौरे के दौरान जेपी नड्डा से मुलाकात न होने के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि नीतीश कुमार एनडीए से फिर नाराज हैं। हालांकि, एनडीए नेताओं ने इन चर्चाओं को खारिज किया है।
नीतीश कुमार के सोमवार देर शाम पटना लौटने के पीछे राज्यपाल के विदाई समारोह को एक वजह माना जा रहा है। लेकिन सियासी गलियारों में यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के फैसले हमेशा अप्रत्याशित होते हैं, इसलिए उनके अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
क्या होगा अगला कदम?
अब देखना यह होगा कि नीतीश कुमार बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों पर क्या कदम उठाते हैं। साथ ही, एनडीए के साथ उनके संबंधों को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब भी समय के साथ मिलेगा। लेकिन फिलहाल, बिहार की राजनीति में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।