
अगर आप अक्सर हाईवे पर सफर करते हैं और टोल प्लाज़ा पर रुकने की झंझट से परेशान रहते हैं, तो आपके लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार देशभर में एक नई हाईटेक टोल प्रणाली लागू करने जा रही है, जिसमें अब न तो टोल प्लाज़ा पर रुकने की जरूरत होगी और न ही फास्टैग स्कैन कराने का झंझट।
इस नई प्रणाली के तहत टोल टैक्स अब सैटेलाइट यानी GPS आधारित ट्रैकिंग तकनीक से वसूला जाएगा। जितना ज्यादा वाहन चलेगा, उतना ही टैक्स अपने आप कट जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया नंबर प्लेट की पहचान और वाहन की GPS लोकेशन के आधार पर की जाएगी।
अब बिना रुके भर सकेंगे सफर
नई व्यवस्था लागू होने के बाद टोल प्लाज़ा पर रुकने, लंबी कतारों में खड़े होने और फास्टैग की गड़बड़ियों से छुटकारा मिल जाएगा। वाहन चलते समय ही आपके खाते से टोल टैक्स काट लिया जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम में समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
सालाना और लाइफटाइम पास की सुविधा
सरकार इस प्रणाली के साथ-साथ यात्रियों को और भी सुविधाएं देने जा रही है। अब एक “सालाना टोल पास” उपलब्ध होगा, जिसकी कीमत लगभग ₹3000 रखी गई है। इस पास के जरिए आप पूरे साल देशभर की सड़कों पर बिना किसी रुकावट के यात्रा कर सकेंगे — न टोल की चिंता और न बार-बार भुगतान की झंझट।
इसके अलावा, सरकार एक “लाइफटाइम टोल पास” पर भी विचार कर रही है, जो लगभग ₹30,000 में उपलब्ध हो सकता है। यह पास करीब 15 साल के लिए मान्य होगा, यानी एक बार भुगतान और लंबे समय तक बिना किसी टोल के देश की सड़कों पर सफर।
हालांकि इस योजना पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन संभावना है कि इसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी।
ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी
नई प्रणाली सिर्फ समय की ही नहीं, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करेगी। टोल प्लाज़ा पर रुकने और बार-बार ब्रेक लगाने से वाहनों की गति धीमी होती है, जिससे ईंधन ज्यादा खर्च होता है और प्रदूषण भी बढ़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वाहन बिना रुके चलते रहेंगे, जिससे पेट्रोल-डीजल की खपत कम होगी और ट्रैफिक स्मूद चलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में इस नई तकनीक की घोषणा करते हुए बताया कि यह बदलाव देश की सड़कों पर यात्रा करने के तरीके को पूरी तरह बदल देगा। उनका कहना है कि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे यात्रियों को भी स्मार्ट और तेज सफर का अनुभव मिलेगा।
जल्द होगी शुरुआत
इस नई GPS आधारित टोल प्रणाली को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। ट्रायल चरण में कुछ हाईवे पर इसे पहले शुरू किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में फैलाया जाएगा।
इस बदलाव से न केवल सरकार को राजस्व की वसूली में पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों को एक बेहतर, सुरक्षित और तेज़ ट्रैवल अनुभव भी मिलेगा।