राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद शिक्षा निदेशालय (DOE) ने 4 दिसंबर को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की गई है। यह निर्णय दिल्ली की बेहतर होती वायु गुणवत्ता और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत ग्रैप-4 हटाने के बाद लिया गया है।
सर्कुलर के अनुसार, शिक्षा निदेशालय, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड के अधीन आने वाले सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को तुरंत प्रभाव से सभी कक्षाएं ऑफलाइन संचालित करने का निर्देश दिया गया है। वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के चलते पहले इन स्कूलों में 17 नवंबर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थीं। दसवीं और बारहवीं कक्षाओं को पहले ऑफलाइन जारी रखा गया था, लेकिन 18 नवंबर को इन्हें भी ऑनलाइन कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और ग्रैप-4 का हटना
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू ग्रैप-4 को अब हटा दिया गया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद लिया गया, जिसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की ओर से प्रस्तुत किए गए आंकड़ों पर विचार किया गया।
सुनवाई के दौरान, ASG भाटी ने कोर्ट को सूचित किया कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार सुधार की स्थिति में है। 29 नवंबर से AQI का स्तर कम हो रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से मौसम पर निर्भर करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए ग्रैप-2 तक का स्तर उचित है, लेकिन ग्रैप-3 के अतिरिक्त उपायों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि यदि AQI फिर से 350 के ऊपर चला जाता है, तो ग्रैप-3 को तुरंत लागू करना होगा। यदि किसी दिन AQI 400 के पार जाता है, तो ग्रैप-4 को भी पुनः लागू करने की आवश्यकता होगी।
ग्रैप-4 के हटने के बाद बदलाव
ग्रैप-4 के तहत दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। इनमें दिल्ली में कमर्शियल ट्रकों के प्रवेश पर रोक, डीजल चालित मध्यम और भारी वाहनों पर प्रतिबंध, और औद्योगिक गतिविधियों को सीमित करना शामिल था। लेकिन अब ग्रैप-4 हटने के बाद इन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता स्तर में सुधार के चलते अब सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाओं की वापसी से छात्रों और शिक्षकों को राहत मिलेगी। साथ ही, शहर में ट्रैफिक और औद्योगिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध हटने से आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आने की संभावना है।
पिछले एक महीने में बढ़ा वायु प्रदूषण
दिल्ली में नवंबर के मध्य से वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया था। AQI 400 के ऊपर चला गया था, जिससे वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई थी। वायु प्रदूषण के इस स्तर पर सांस संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया था।
हालांकि, पिछले कुछ दिनों में मौसम में सुधार और प्रदूषण के खिलाफ लागू उपायों के कारण AQI में गिरावट आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायु गुणवत्ता में सुधार स्थायी नहीं है और आगे भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
शिक्षा निदेशालय के इस निर्णय से छात्रों को ऑफलाइन शिक्षा का लाभ मिलेगा, जो उनकी समग्र शैक्षणिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट और संबंधित एजेंसियों द्वारा वायु गुणवत्ता पर निगरानी बनाए रखने के आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी आपात स्थिति में समय पर कदम उठाए जा सकें। हालांकि, प्रदूषण के दीर्घकालिक समाधान के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा।