
पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ लगातार प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ रही है। इस अभियान के 44वें दिन पुलिस ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। ताजा जानकारी के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने 61 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब 1.3 किलो हेरोइन और 91.3 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है।
इस बारे में जानकारी देते हुए स्पेशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अरपित शुक्ला ने बताया कि पूरे राज्य में 200 से ज्यादा पुलिस टीमें इस मुहिम में जुटी हुई हैं। इन टीमों में 1100 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 76 गजटेड अधिकारी शामिल हैं। इनकी निगरानी में राज्य के अलग-अलग इलाकों में 383 जगहों पर छापेमारी की गई।
एक ही दिन में दर्ज की गईं 50 एफआईआर, और 417 संदिग्ध लोगों की जांच भी की गई। पुलिस का यह अभियान न केवल नशा तस्करों को पकड़ने तक सीमित है, बल्कि इसके साथ-साथ समाज को नशे से मुक्ति दिलाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
डीजीपी शुक्ला ने बताया कि नशे से छुटकारा पाने के लिए तीन लोगों को डी-एडिक्शन सेंटर में भेजा गया है। इन्हें नशा छुड़वाने के साथ-साथ पुनर्वास और इलाज के लिए प्रेरित किया गया है, ताकि वे दोबारा सामान्य जीवन में लौट सकें।
पुलिस की इस व्यापक कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं। अभियान की शुरुआत से अब तक 5926 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो इस बात का संकेत है कि पुलिस लगातार जमीनी स्तर पर सक्रिय है।
इस मुहिम का मकसद केवल नशा तस्करों को पकड़ना नहीं है, बल्कि पंजाब को पूरी तरह से नशामुक्त बनाना है। छापेमारी, गिरफ्तारियों और जब्ती के साथ-साथ पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि नशा करने वालों को इलाज और पुनर्वास की सुविधा दी जाए।
जनता में भी इस मुहिम को लेकर सकारात्मक माहौल बन रहा है और लोग पुलिस को सहयोग दे रहे हैं। अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में पंजाब को नशे से आज़ाद करना संभव हो सकता है।
‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अब सिर्फ एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने की एक बड़ी पहल बनता जा रहा है।