बिहार के सरकारी विद्यालयों (प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक) में कार्यरत विशेष समस्या से ग्रसित शिक्षक/शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। अब तक कुल 33,227 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है। आवेदन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है।
घर की दूरी मुख्य कारण
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों में सबसे अधिक 27,661 शिक्षकों ने अपने वर्तमान पदस्थापन से घर की दूरी को स्थानांतरण का प्रमुख कारण बताया है। इसके अलावा, कैंसर से ग्रसित 163 शिक्षक, अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 456 शिक्षक, विधवा और तलाकशुदा 216 शिक्षक, और 2,919 दंपत्ति शिक्षक एक स्थान पर स्थानांतरण के लिए आवेदन कर चुके हैं।
गंभीर समस्याओं के कारण आवेदन
- कैंसर: 163 शिक्षक
- अन्य गंभीर बीमारियां: 456 शिक्षक
- ऑटिज्म/मानसिक बीमारी: 290 शिक्षक
- विधवा/तलाकशुदा: 216 शिक्षक
- दंपत्ति शिक्षक: 2,919 शिक्षक
स्थानांतरण के लिए निर्देश
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि केवल विशेष समस्या से ग्रसित शिक्षक ही स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें कैंसर, दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म, विधवा, तलाकशुदा, और परित्यक्ता शिक्षक शामिल हैं। बिना विशेष समस्या के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए 10 विकल्प दिए गए हैं। इसमें उन्हें कम से कम तीन विकल्प चुनना अनिवार्य है। इन विकल्पों में जिला, प्रखंड और निकाय का चयन करना होगा।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप: 2.14 लाख छात्रों को मिलेगा लाभ
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत बिहार सरकार ने वर्ष 2023-24 में कुल 2.14 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत 4,21,263 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 2.14 लाख आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। शेष आवेदनों की जांच अभी जारी है।
सरकार ने दिए भुगतान के निर्देश
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने स्वीकृत आवेदनों के आधार पर लाभुकों को छात्रवृत्ति भुगतान करने का निर्देश दिया है। वहीं, लंबित आवेदनों की जांच और स्वीकृति प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का आदेश दिया गया है।
स्कॉलरशिप का उद्देश्य
यह योजना छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जाती है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे अपनी शिक्षा को जारी रख सकें।