आजकल साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए हैं। इनमें भावनात्मक ब्लैकमेलिंग से लोगों को ठगना एक नया तरीका है, जिससे कई लोग लाखों रुपये गंवा रहे हैं। साइबर अपराधियों के इस खतरे से निपटने के लिए पुलिस ने विशेष योजना बनाई है। साइबर सेल विभाग में अनुभवी पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, साथ ही कंप्यूटर के विशेषज्ञों को भी इस टीम का हिस्सा बनाया गया है। ये टीम अपराधियों पर सख्त नजर रखेगी और ठगी की रकम को तत्काल फ्रीज कर देगी, ताकि राशि का स्थानांतरण रोका जा सके।
हैकर्स के इमोशनल ब्लैकमेलिंग के नए तरीके
हाल ही में सामने आए एक मामले में हैकर्स ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का इस्तेमाल किया। पीड़ित मोहित कुमार के इंस्टाग्राम अकाउंट को हैक कर, हैकर्स ने उसके जानकारों को फोन कर दावा किया कि मोहित का कनाडा में रहने वाला भाई राज एक दुर्घटना का शिकार हो गया है और तत्काल 1 लाख रुपये की जरूरत है। इस बात से घबराए मोहित ने अपने भाई को फोन कर सच्चाई जाननी चाही, जिसके बाद पता चला कि ऐसी कोई दुर्घटना हुई ही नहीं थी। यदि मोहित सावधान नहीं होता, तो वह बड़ी ठगी का शिकार हो सकता था।
डिजिटल भुगतान ऐप्स का दुरुपयोग
डिजिटल लेन-देन को सरल बनाने के लिए कई ऐप्स जैसे गूगल पे, फोनपे और पेटीएम बनाए गए हैं, लेकिन साइबर अपराधियों ने इन्हें ठगी के माध्यम के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। लोग आसानी से इन ऐप्स का उपयोग कर लेते हैं, और अपराधी इसका लाभ उठाकर उनके खातों से कुछ ही मिनटों में सारी रकम निकाल लेते हैं।
जागरूकता की जरूरत
इन अपराधों से बचने के लिए लोगों को भी सजग और जागरूक होना पड़ेगा। किसी अज्ञात व्यक्ति से आए फोन कॉल पर बिना जांच-पड़ताल के किसी भी प्रकार की वित्तीय जानकारी साझा न करें। ओटीपी, बैंक विवरण या क्रेडिट कार्ड की जानकारी साझा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है, जिससे आप ठगी का शिकार हो सकते हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बताया समाधान: 1930 पर कॉल करें, रकम होगी फ्रीज
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए पढ़े-लिखे और अनुभवी अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो ऑनलाइन ठगी के मामलों को तत्परता से हल कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि साइबर अपराधों की शिकायतों के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर और एक विशेष पोर्टल भी उपलब्ध है, जहां शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। शिकायत दर्ज करने के बाद ठगी की राशि को तुरंत फ्रीज कर दिया जाता है, ताकि रकम अपराधियों के हाथ न लगे।
ठगी के मामलों पर टीम की नजर
इस विशेष टीम के अधिकारी ठगी के मामलों पर नियमित रूप से नजर रखते हैं। प्रत्येक शिकायत की स्थिति को पुलिस विभाग की वेबसाइट पर अपडेट किया जाता है, ताकि शिकायतकर्ता को उसके केस की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिल सके।
सावधानी बरतें, ठगी से बचें
कमिश्नर ने जनता से अपील की कि यदि किसी को अज्ञात व्यक्ति का कॉल आता है, तो सावधानी से बात करें और किसी भी प्रकार के भावनात्मक ब्लैकमेल में न फंसे। किसी भी तरह की ठगी होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल कॉल कर शिकायत दर्ज करें। इससे ठगी की राशि तुरंत फ्रीज हो जाएगी और पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई कर सकेगी।
पुलिस की यह पहल साइबर अपराधों को रोकने में एक अहम कदम है। जनता को भी इस विषय में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि ठगी के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।