
भारत ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। देश का आक्रोश तब और तेज हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की एक रैली से स्पष्ट कर दिया कि दोषियों को धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सज़ा दी जाएगी।
और ठीक 15 दिन बाद, भारत ने अपने वादे को निभाते हुए एक बड़ा और साहसी कदम उठाया—ऑपरेशन सिंदूर।
6-7 मई की रात को चला खुफिया मिशन
6 और 7 मई की दरम्यानी रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के खिलाफ एक बेहद गोपनीय और सटीक ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन के तहत 9 अलग-अलग आतंकी ठिकानों पर एक के बाद एक हमले किए गए। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इन ठिकानों पर करीब 900 आतंकवादी मौजूद थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें रच रहे थे।
भारत का यह ऑपरेशन पूरी तरह से निशाना साध कर किया गया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के लॉन्च पैड्स को ध्वस्त कर दिया गया।
कहां-कहां पर हुआ हमला और कितने आतंकी थे मौजूद:
बहावलपुर – 250+ आतंकी
मुरीदके – 120+ आतंकी
मुजफ्फराबाद – 110 से 130 आतंकी
कोटली – 75 से 80 आतंकी
गुलपुर – 75 से 80 आतंकी
भिंबर – 60 आतंकी
चक अमरू – 70 से 80 आतंकी
सियालकोट – 100 आतंकी
किस संगठन का ठिकाना कहां था:
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना था
मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा केंद्र था
सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन का गुप्त अड्डा था
कोटली और मुजफ्फराबाद में जैश और लश्कर के कैंप चल रहे थे
इन सभी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत निशाना बनाया गया और भारी नुकसान पहुँचाया गया। बताया जा रहा है कि कई आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया, और बाकी बचे आतंकी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए।
भारत का सटीक और शांत लेकिन करारा जवाब
भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को “केंद्रित और सटीक” करार दिया है। सरकार के मुताबिक, पहलगाम हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की संलिप्तता के पक्के सबूत भारत के पास हैं। इन सबूतों के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई।
इस ऑपरेशन के बाद भारत ने अमेरिका सहित कई देशों के साथ संपर्क किया और उन्हें कार्रवाई की जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत कर ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी साझा की। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में किसी भी हद तक जा सकता है।
संदेश साफ है – नया भारत चुप नहीं बैठेगा
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भारत अब सिर्फ धमकियों का जवाब देने वाला देश नहीं, बल्कि आतंक के अड्डों को जड़ से खत्म करने वाला राष्ट्र बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई नीति का प्रतीक है—“अब अगर कोई भारत को छेड़ेगा, तो छोड़ा नहीं जाएगा।”