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पंजाब में चार विधानसभा सीटों के उपचुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। गिदड़बाहा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मनप्रीत बादल द्वारा किए गए एक बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। उन्होंने दावा किया कि वे बीएसएफ, आईटीबीपी और रेलवे जैसी सरकारी नौकरियों में उम्मीदवारों की भर्ती करवा सकते हैं, उन्हें सिर्फ बताने की जरूरत है। उनके इस बयान ने विपक्षी दलों को उन पर निशाना साधने का अवसर दे दिया है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने इस बयान को लेकर भाजपा और मनप्रीत बादल पर तीखा हमला बोला है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वरिंग ने इसे “झूठ की राजनीति” करार दिया। वरिंग का कहना है कि किसी सरकारी नौकरी में भर्ती केवल बोलने से नहीं होती, बल्कि उसके लिए निर्धारित परीक्षा और योग्यता को पूरा करना पड़ता है। वरिंग ने कहा कि इस तरह के बयान देकर मनप्रीत बादल युवाओं को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें झूठी उम्मीदें दिखा रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर जनता के साथ धोखाधड़ी करने और युवा वोटरों को लुभाने के लिए गलत बयानबाजी का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने भी मनप्रीत बादल के बयान की निंदा की। गर्ग ने आरोप लगाया कि इस तरह के दावे करके भाजपा युवाओं को भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में नियुक्ति की एक प्रणाली होती है, जिसमें उम्मीदवारों को अपनी योग्यता साबित करनी होती है। गर्ग ने यह भी कहा कि इस तरह के बयानों से पता चलता है कि भाजपा युवाओं के भविष्य के प्रति कितनी असंवेदनशील है।
मनप्रीत बादल का यह बयान न केवल उनके प्रतिद्वंद्वियों को उन पर हमला करने का मौका दे रहा है बल्कि इसने लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बना दिया है। चुनाव के इस माहौल में, जहां हर पार्टी हर वोट के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे विवादित बयानों से राजनीतिक माहौल गरमा रहा है।