नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के विकास में संविधान की भूमिका को रेखांकित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय और चंद्रशेखर आजाद जैसे महान व्यक्तित्वों ने अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए सोचा। उनके बलिदान हमें आज भी प्रेरित करते हैं।”
संविधान और बराबरी का सपना
सीएम आतिशी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किए गए संविधान की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान ने हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर देने का सपना दिखाया। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम बाबा साहेब और स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करें। दिल्ली सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है।”
शिक्षा और स्वास्थ्य में बदलाव
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में की गई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब थी। गरीब परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती थी, जिससे गरीबी का दुष्चक्र जारी रहता था। आज, दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने उन परिवारों की जिंदगी बदल दी है।”
सीएम आतिशी ने मोहल्ला क्लीनिक और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “दिल्ली देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां हर नागरिक को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और 24 घंटे बिजली मिलती है। ये कदम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने की दिशा में हैं।”
गर्व और जिम्मेदारी का संदेश
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए समाज को समान अवसर और अधिकार देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है, जहां हर नागरिक सशक्त हो और सभी को समान अवसर मिलें। यह गणतंत्र दिवस हमें उनकी कुर्बानियों को याद करने और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लेने का अवसर देता है।”
सीएम आतिशी ने अंत में दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि उनकी सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।