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भारतीय शेयर बाजार ने 21 नवंबर को गिरावट के साथ कारोबार समाप्त किया। प्रमुख कारणों में अडानी समूह पर लगे 250 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोप और पीएसयू बैंकों में तेज बिकवाली शामिल रहे। इन घटनाओं ने निवेशकों के भरोसे को झटका दिया, जिससे प्रमुख सूचकांक नुकसान के साथ बंद हुए।
अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट
अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते अडानी समूह के शेयरों में हाहाकार मच गया। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 23% से ज्यादा गिर गया, जबकि समूह के अन्य शेयरों में भी 20% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का असर अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति पर भी पड़ा। उनकी नेटवर्थ 12.1 बिलियन डॉलर या 17.28% घटकर 57.8 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई।
बाजार की स्थिति और क्लोजिंग आंकड़े
बीएसई का सेंसेक्स 422.59 अंकों (0.54%) की गिरावट के साथ 77,155 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 168.60 अंक (0.72%) की गिरावट के साथ 23,349 पर क्लोज हुआ। गिरावट के चलते बीएसई का कुल मार्केट कैप 425.29 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया। यह आंकड़ा अपने ऑलटाइम हाई 478 लाख करोड़ रुपये से लगभग 49 लाख करोड़ रुपये कम है।
सेक्टोरल प्रदर्शन
निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स के प्रदर्शन में मिश्रित रुख देखने को मिला।
- तेजी वाले सेक्टर: निफ्टी आईटी, प्राइवेट बैंक और रियल एस्टेट के शेयरों में हल्की बढ़त दर्ज की गई।
- गिरावट वाले सेक्टर: पीएसयू बैंकों में सबसे अधिक 2.70% और मीडिया शेयरों में 2.40% की गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा, फाइनेंशियल, एनर्जी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में भी नुकसान देखा गया।
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
सेंसेक्स के 30 में से 10 शेयरों में गिरावट रही।
- चढ़ने वाले शेयर:
- पावरग्रिड: आज का सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला स्टॉक रहा।
- अन्य लाभ पाने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, टीसीएस, इंफोसिस, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक शामिल रहे।
- गिरने वाले शेयर:
- अडानी पोर्ट्स में सबसे ज्यादा गिरावट रही।
- इसके अलावा, एसबीआई, आईटीसी, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व के शेयरों में भी बड़ी गिरावट दर्ज हुई।
बाजार पर अडानी विवाद का असर
अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप और उनके स्टॉक्स में गिरावट ने बाजार में डर का माहौल पैदा कर दिया। इससे न केवल अडानी समूह की कंपनियां, बल्कि वित्तीय क्षेत्र और पीएसयू बैंकों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इन घटनाओं से निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है।
निवेशकों के लिए संदेश
- निवेशकों को मौजूदा स्थिति में सतर्क रहने और बाजार में किसी भी बड़े निवेश से पहले सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह दी जाती है।
- विशेष रूप से, उच्च जोखिम वाले शेयरों से दूरी बनाए रखना और पोर्टफोलियो को विविधता देना जरूरी है।
- पीएसयू बैंकों और अडानी समूह के शेयरों में अभी और अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
आगे की राह
भारतीय शेयर बाजार फिलहाल वैश्विक घटनाओं और घरेलू आर्थिक नीतियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में है। निवेशकों को आने वाले दिनों में बाजार के रुझानों और आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए। यदि अडानी समूह के आरोपों की जांच में नए खुलासे होते हैं, तो बाजार में और उथल-पुथल मच सकती है।