
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम पर्यटकों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मंगलवार को इस घटना के 24 घंटे के अंदर सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह एक्शन में आ गई हैं।
जाँच एजेंसियों ने जारी किए आतंकियों के स्कैच
जाँच एजेंसियों ने इस हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों के स्कैच जारी किए हैं। ये स्कैच घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों से बातचीत और शुरूआती सबूतों के आधार पर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें भी सार्वजनिक की हैं। सूत्रों के अनुसार, इन तस्वीरों में से एक आतंकी इस हमले में शामिल बताया जा रहा है।
किस संगठन ने ली ज़िम्मेदारी?
केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले की ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े “द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने ली है। माना जा रहा है कि TRF को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है और यह लश्कर के संस्थापक और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद का ही एक प्रॉक्सी संगठन है।
मास्टरमाइंड कौन?
सूत्रों ने बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्ला खालिद है, जो पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (POK) के रावलकोट से ऑपरेट करता है। सैफुल्ला ने एक महीने पहले ही हमले की धमकी दी थी। इस हमले में दो विदेशी और दो स्थानीय आतंकियों के शामिल होने की बात भी सामने आई है।
PM मोदी ने छोड़ा विदेश दौरा
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही रद्द कर दिया और तुरंत भारत लौट आए। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही उन्होंने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद रहे।
गृह मंत्री अमित शाह खुद घाटी में
गृह मंत्री अमित शाह हमले के तुरंत बाद घाटी पहुंचे और वहीं डेरा डाले हुए हैं। वह लगातार सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं और हालात की निगरानी कर रहे हैं।
सरकार का रुख सख्त
सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है और सीमाओं पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
जनता में रोष
इस हमले के बाद देशभर में गुस्से की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पर्यटकों को निशाना बनाकर आतंक फैलाने की कोशिश क्यों की गई।
पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि इंसानियत पर हमला है। सरकार ने अब तक के सभी कदम तेज़ी से उठाए हैं, लेकिन देश की जनता यह देखना चाहती है कि मासूमों की मौत का बदला जल्द और सख्त तरीके से लिया जाए।