
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि को रोकने और पाकिस्तान को जाने वाला पानी बंद करने का फैसला किया है। इससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान अब चीन से उम्मीद लगा रहा है कि वह भारत पर दबाव बनाए।
पाकिस्तानी नेता मुशाहिद हुसैन सैयद ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत ने जो भी फैसले लिए हैं, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के इशारों पर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि RSS 2025 में 100 साल पूरे कर रहा है और इसी वजह से भारत में माहौल गर्माया जा रहा है। हुसैन ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ सीधे जंग की ओर बढ़ रहा है।
हुसैन ने चीन से अपील की कि वह ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक दे, ताकि भारत को सबक सिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान का पानी रोकता है, तो चीन भी भारत का पानी रोक सकता है, क्योंकि सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों का उद्गम स्थल तिब्बत में है, जो चीन के कब्जे में है।
इसके साथ ही, हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान का भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने का फैसला भारत को बड़ा झटका देगा। इससे भारतीय विमानों का किराया बढ़ेगा और लंबे समय में भारत को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो चीन द्वारा भारत का पानी रोकना इतना आसान नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि जैसी कोई जल संधि भारत और चीन के बीच नहीं है। भारत और चीन के बीच सिर्फ कुछ समझौते हैं, जिनके तहत बाढ़ के मौसम में नदियों का डाटा साझा किया जाता है।
अगर चीन ब्रह्मपुत्र पर पानी रोकने की कोशिश भी करता है, तो इसका असर पूरे भारत पर नहीं पड़ेगा। ब्रह्मपुत्र नदी मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश, असम और सिक्किम जैसे राज्यों को प्रभावित करती है। वहाँ खेती पर असर जरूर पड़ेगा और लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन भारत को पाकिस्तान जैसी भारी जल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसके अलावा भारत के पास खुद के अंदर कई बड़ी नदियाँ हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में जल आपूर्ति का काम करती हैं। इसलिए पाकिस्तान का सपना कि चीन भारत को पानी के लिए तरसा देगा, असलियत से काफी दूर है।
कुल मिलाकर, पाकिस्तान इस समय बुरी तरह बौखलाया हुआ है और हर तरफ से मदद मांग रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि भारत के मजबूत फैसलों के सामने उसकी रणनीति कमजोर पड़ती नजर आ रही है।