
हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की खबरें सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, इन आतंकवादियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) द्वारा ट्रेनिंग दी गई थी। कुछ पूर्व आतंकवादियों से हुई पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि हमले में शामिल आतंकवादी हाशिम मूसा, जो पाकिस्तान का नागरिक है, खुद पाकिस्तान में SSG का पैरा कमांडो रह चुका है। हाशिम मूसा पर भारतीय सरकार ने 20 लाख रुपये का इनाम भी रखा है।
एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी) इस हमले की जांच कर रही है और आतंकवादी साजिश को उजागर करने के लिए सबूतों की तलाश तेज कर दी है। एजेंसी प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ भी कर रही है और आतंकवादियों के बारे में जानकारी देने वालों के लिए 20 लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया है।
**लश्कर-ए-तैयबा का मॉड्यूल संलिप्त:**
सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा का मॉड्यूल शामिल था। इस मॉड्यूल से जुड़े आतंकवादी 2024 के शुरुआत में ही कश्मीर घाटी में घुसे थे। इन आतंकवादियों ने घाटी में कई हमलों को अंजाम दिया है। ये आतंकी पाकिस्तान की सेना से ट्रेनिंग लेकर आए थे और अब घाटी में छोटे-छोटे हमले कर रहे हैं। ये आतंकवादी स्थानीय आतंकियों के छोटे-छोटे समूहों का नेतृत्व भी कर रहे हैं।
**आतंकी संगठन और उनकी योजनाएं:**
हमले में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठन शामिल हैं। इन आतंकवादी संगठनों के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है। इनका उद्देश्य कश्मीर में अधिक से अधिक हिंसा और तबाही मचाना है, ताकि वहां के लोगों को डरा-धमका कर स्थिति को और जटिल बनाया जा सके।
**सुरक्षा बलों की कार्रवाई:**
सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के दोषियों तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल पहलगाम और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतंकवादियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं। इस दौरान पीर पंजाल क्षेत्र के घने जंगलों में भी खोजबीन की जा रही है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की तलाश के लिए अत्याधुनिक तकनीक जैसे मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और ड्रोन का उपयोग भी किया है, जिससे आतंकवादियों की स्थिति का पता चल सके और उन्हें पकड़ने में मदद मिल सके।
**आतंकी नेटवर्क की चुनौती:**
जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। आतंकवादी छोटे समूहों में काम कर रहे हैं, जो स्थानीय लोगों की मदद से घटनाओं को अंजाम देते हैं। इन आतंकियों के पास न केवल अच्छी तरह से प्रशिक्षित काडर हैं, बल्कि वे अत्याधुनिक हथियारों से भी लैस हैं।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों का काम और भी जटिल हो गया है, लेकिन इसके बावजूद वे पूरी तरह से प्रयासरत हैं ताकि कश्मीर घाटी में आतंकवाद का सफाया किया जा सके। एनआईए और अन्य सुरक्षा बलों की जांच जारी है, और वे जल्द ही इस हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने में सफल होंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है।