
मोहाली कोर्ट ने पंजाब के स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को रेप केस में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह सजा उसके जीवनभर के लिए होगी, यानी वह अब अपनी पूरी जिंदगी जेल में ही बिताएगा।
कोर्ट का सख्त फैसला
यह मामला साल 2018 का है, जब एक महिला ने जीरकपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बजिंदर सिंह ने उसे विदेश भेजने का झांसा देकर शोषण किया। इतना ही नहीं, उसने इस घटना का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी किया।
अदालत में 28 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया गया था। 1 अप्रैल को अदालत ने उसे ताउम्र उम्रकैद की सजा सुनाई।
पीड़िता की लंबी लड़ाई
पीड़िता ने बताया कि वह पिछले 7 साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रही थी। इस केस को लेकर उसने कई बार पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाए। अब जब उसे न्याय मिला है, तो उसने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया है।
पीड़िता के वकील अनिल सागर ने कहा कि अदालत का यह फैसला उन लोगों के लिए भी सबक होगा, जो धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करते हैं। उन्होंने कहा, “यह सजा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों को समझ आएगा कि झूठे चमत्कारों के पीछे छिपे अपराधियों से सावधान रहना जरूरी है।”
धर्म परिवर्तन का भी था आरोप
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि बजिंदर सिंह धर्म परिवर्तन कराने में भी शामिल था। उसके पास हवाला के जरिए विदेशों से पैसा आता था, जिससे वह अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था।
आरोपी की अपील खारिज
बजिंदर सिंह ने कोर्ट से कम सजा देने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया। न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा जरूरी है ताकि समाज में सही संदेश जाए।
क्या है पूरा मामला?
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2018 में महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
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आरोप था कि बजिंदर सिंह ने विदेश भेजने का लालच देकर शोषण किया।
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ब्लैकमेलिंग के लिए उसने वीडियो भी बनाया।
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कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर उसे दोषी ठहराया।
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1 अप्रैल 2025 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
समाज के लिए एक सबक
यह मामला उन लोगों के लिए एक सबक है जो धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करते हैं। कोर्ट का यह फैसला न्याय की जीत है और समाज को ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासन भी अब इस तरह के मामलों पर सख्ती से नजर रखेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।