प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर से 21 नवंबर तक तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा में वे ब्राजील, गुयाना और नाइजीरिया का दौरा करेंगे। इस दौरान वे वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए विभिन्न देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
ब्राजील: जी-20 शिखर सम्मेलन में भागीदारी
पीएम मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव ब्राजील होगा, जहां वे 18-19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने इस सम्मेलन की मेज़बानी की है। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जी-20 के “ट्रोइका” का हिस्सा हैं, और प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में सक्रिय रूप से भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात होने की संभावना है। इस सम्मेलन में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल होती हैं, और इस बार का शिखर सम्मेलन वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन, और विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बनेगा।
नाइजीरिया: 17 वर्षों बाद भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का दूसरा दौरा नाइजीरिया होगा, जहां वे 16-17 नवंबर को नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर जाएंगे। यह 17 वर्षों में भारत के प्रधानमंत्री की नाइजीरिया की पहली यात्रा है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
भारत और नाइजीरिया के बीच मजबूत राजनीतिक और व्यापारिक संबंध हैं, और पीएम मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ाने का एक अवसर प्रदान करेगी। खासकर, अफ्रीकी महाद्वीप में नाइजीरिया की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भारत की अफ्रीका नीति के तहत इस दौरे को रणनीतिक महत्व दिया जा रहा है।
गुयाना: 1968 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का अंतिम पड़ाव गुयाना होगा, जहां वे 19-21 नवंबर तक गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर यात्रा करेंगे। यह यात्रा 1968 के बाद भारत के प्रधानमंत्री की गुयाना की पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, गुयाना के साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं, और यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
गुयाना के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी द्विपक्षीय व्यापार, संस्कृति और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। खासकर, गुयाना में हाल के वर्षों में तेल और गैस क्षेत्र में विकास हुआ है, जिससे भारत के साथ आर्थिक सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं। भारत गुयाना को अपनी विकासात्मक साझेदारी में मदद करने के लिए कई योजनाएं चला रहा है, और इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।
यात्रा का उद्देश्य और महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करना है, बल्कि विभिन्न देशों के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संबंधों को भी प्रगाढ़ करना है। ब्राजील, नाइजीरिया और गुयाना के साथ भारत के रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह यात्रा एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन तीनों देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक और समकालीन संबंधों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारतीय कूटनीति के लिए एक नई दिशा में अग्रसर होने का संकेत देती है। भारत की बढ़ती वैश्विक प्रभावशाली भूमिका को देखते हुए यह यात्रा भारत को वैश्विक मंचों पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए कारगर साबित होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा निश्चित ही भारतीय कूटनीति, व्यापार, और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करेगी, जिससे भारत की वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।