
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए एक दर्दनाक आतंकी हमले में 26 बेकसूर सैलानियों की मौत हो गई। इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहरा गया है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब क्षेत्र में पहले से ही सुरक्षा को लेकर गंभीर हालात बने हुए थे।
पीएम मोदी की लगातार उच्चस्तरीय बैठकें
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उच्च-स्तरीय बैठकों में जुटे हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से प्रधानमंत्री आवास पर अहम मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ा और कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है।
5 मई को भी पीएम मोदी ने डोभाल के साथ एक लंबी बैठक की थी जिसमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद के नेटवर्क को खत्म करने और पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई थी।
पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदमों की तैयारी
इस बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कुछ ऐतिहासिक फैसलों पर विचार किया गया। जानकारी के मुताबिक भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने जैसे विकल्पों पर गंभीरता से मंथन किया है।
एक हफ्ते पहले, 29 अप्रैल को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, और थल, वायु और नौसेना प्रमुखों के साथ 90 मिनट की हाई-लेवल मीटिंग की थी। इसमें आतंकवादियों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट देने का बड़ा फैसला लिया गया था।
7 मई को देशभर में होगी मॉक ड्रिल
सरकार अब आम जनता को भी सुरक्षा के प्रति जागरूक और तैयार करना चाहती है। इसके तहत गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह ड्रिल नागरिक सुरक्षा के लिए होगी, जिसमें ब्लैकआउट, सायरन बजना, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य लोगों को संभावित हवाई हमलों जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है। इसमें सिखाया जाएगा कि हमले के समय कैसे छिपना है, कैसे अलर्ट रहना है और किन उपायों से जान बचाई जा सकती है।
पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढ़ेगा
सूत्रों के अनुसार भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग किया जाए और उस पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाया जाए। भारत चाहता है कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थक देश के रूप में देखे और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
पहल्गाम हमले ने भारत की सुरक्षा नीति को और आक्रामक बना दिया है। एक तरफ जहां सेना को खुली छूट दी जा रही है, वहीं आम नागरिकों को भी सुरक्षा अभ्यासों के जरिए सतर्क किया जा रहा है। आने वाले दिनों में भारत के पाकिस्तान पर कई और बड़े कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।