झारखंड में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है, और राज्य की 81 सीटों पर दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इसी चुनावी माहौल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड के चाईबासा और गढ़वा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11:00 बजे बिहार के गया एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और वहां से गढ़वा जाएंगे, जहां उनकी पहली रैली होगी। इसके बाद वे रांची होते हुए चाईबासा में दूसरी रैली को दोपहर 2:30 बजे संबोधित करेंगे। इस चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी राज्य के मतदाताओं को बीजेपी के विकास कार्यों और भावी योजनाओं के बारे में बताएंगे।
बीजेपी का चुनावी संकल्प पत्र: महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को झारखंड में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया और बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र, जिसे पार्टी ‘संकल्प पत्र’ कहती है, जारी किया। अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव झारखंड के भविष्य का है और बीजेपी ने संकल्प लिया है कि राज्य के विकास और जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
बीजेपी के संकल्प पत्र में झारखंड की महिलाओं और युवाओं के लिए कई योजनाएं शामिल हैं। बीजेपी ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने, दिवाली और रक्षाबंधन पर एक-एक मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। साथ ही राज्य में 3 लाख सरकारी पदों पर भर्ती करने और हर साल 1 लाख युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने का संकल्प भी किया गया है। इसके अलावा, यूजी और पीजी कर चुके युवाओं को 2000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने और हर गरीब को पक्का मकान उपलब्ध कराने का भी वादा किया गया है।
JMM नीत सरकार पर बीजेपी का तीखा हमला
अमित शाह ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत हेमंत सोरेन सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो आदिवासियों की जमीन को अवैध प्रवासियों के हस्तांतरण से बचाने के लिए कड़ा कानून लाया जाएगा। अमित शाह ने यह भी कहा कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया करने का लक्ष्य रखा गया है और झारखंड में आदिवासी अधिकारों को प्रभावित किए बिना समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार समान नागरिक संहिता के बारे में झूठ फैला रही है और इसे आदिवासी अधिकारों के लिए खतरा बता रही है, जबकि असल में आदिवासी समुदाय को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा। शाह ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य समाज में समानता लाना है, लेकिन इसके चलते आदिवासी समाज के पारंपरिक अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नक्सलवाद और झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप
गृह मंत्री ने अपने भाषण में झारखंड मुक्ति मोर्चा पर नक्सलवाद को समर्थन देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में JMM नक्सलवाद को बढ़ावा देता है, जो राज्य में शांति और विकास के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और पिछले पांच सालों में इस खतरे को काफी हद तक समाप्त कर दिया है। अमित शाह ने कहा कि 2026 तक प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
वोटरों के बीच बढ़ती चुनावी सरगर्मी
झारखंड में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है। बीजेपी ने राज्य में विकास, रोजगार और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर देते हुए मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। राज्य में JMM नीत सरकार पर भ्रष्टाचार, नक्सलवाद और वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाकर बीजेपी ने झारखंड के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है।
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके गठबंधन के साथी इस चुनाव को भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड की राजनीति में आदिवासी वोटों का बड़ा महत्व है, और इसी वजह से बीजेपी और JMM दोनों ही आदिवासी समुदाय के हितों को लेकर अपनी-अपनी योजनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के झारखंड में सक्रिय प्रचार अभियान से राज्य में चुनावी माहौल और गरमा गया है। देखना होगा कि इन बड़े नेताओं के दौरे और घोषणाओं का झारखंड की जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और आने वाले चुनाव में किसके पक्ष में जनादेश जाता है।
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे राज्य की राजनीति और विकास की दिशा तय करेंगे। भाजपा द्वारा जारी संकल्प पत्र और वरिष्ठ नेताओं के आक्रामक प्रचार से यह स्पष्ट है कि पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।