
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ‘एआई एक्शन समिट’ (Artificial Intelligence Action Summit) में भाग लेना और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और वैश्विक सुरक्षा शामिल हैं।
एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मंगलवार को ‘एआई एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह शिखर सम्मेलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास और इसके नैतिक उपयोग को लेकर वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण चर्चा का मंच बनेगा। इसमें टेक्नोलॉजी जगत के दिग्गज, शोधकर्ता और नीति निर्माता शामिल होंगे।
रात्रिभोज में भागीदारी
फ्रांस में अपने पहले दिन, प्रधानमंत्री मोदी को एलिसी पैलेस में एक विशेष रात्रिभोज में आमंत्रित किया गया। यह रात्रिभोज राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा शासनाध्यक्षों और विशेष मेहमानों के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी कंपनियों के सीईओ, बिजनेस लीडर्स और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे। इस दौरान, भारत और फ्रांस के बीच आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा की संभावना है।
अमेरिकी कांग्रेस सदस्य आर.ओ. खन्ना का बयान
प्रधानमंत्री मोदी की आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से संभावित मुलाकात को लेकर अमेरिकी कांग्रेस सदस्य आर.ओ. खन्ना ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध किसी एक राष्ट्रपति पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि यह द्विपक्षीय प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएम मोदी और अमेरिका की सरकार सैन्य संबंधों और रक्षा सहयोग को और मजबूत करेंगे, जैसा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में हुआ था। खन्ना ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका को चीन के क्षेत्रीय विस्तार को लेकर एकजुट रहना होगा, चाहे वह अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा हो या ताइवान से जुड़ी चिंताएं।
इसके अलावा, उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने की भी बात की।
भारत-फ्रांस संबंधों पर असर
फ्रांस और भारत लंबे समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। दोनों देश रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और कई अहम समझौते होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। एआई समिट में उनकी भागीदारी यह दिखाती है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा, फ्रांस और अमेरिका के साथ मजबूत संबंध भारत की वैश्विक कूटनीति को और मजबूती देंगे।