अब आर्थिक कठिनाइयों के कारण देश के होनहार छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल की है और ‘पीएम विद्यालक्ष्मी योजना’ की शुरुआत की है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके माध्यम से सालाना करीब 22 लाख छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य उन छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है, जो वित्तीय समस्याओं के चलते पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ थे।
योजना का उद्देश्य और लाभ
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना उन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्हें आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ती है। इसके तहत छात्रों को 10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना हर उस योग्य छात्र को अच्छे कॉलेज में दाखिला प्राप्त करने में सहायता करेगी, जो केवल वित्तीय तंगी के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते थे। सरकार का मानना है कि इससे उच्च शिक्षा में उन छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी, जिनकी वित्तीय स्थिति कमजोर है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के माध्यम से देश के 860 प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को एजुकेशन लोन मिलेगा। इस योजना का लाभ पाने वाले छात्रों की संख्या हर साल 22 लाख से अधिक होने का अनुमान है। इस योजना के अंतर्गत बिना किसी जमानत और बिना किसी गारंटी के एजुकेशन लोन प्रदान किया जाएगा, जिससे छात्रों को आसान शर्तों पर वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
क्रेडिट गारंटी और ब्याज दर में छूट
योजना के तहत छात्रों को बिना किसी गारंटी के लोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। सरकार ने 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान की है। इस गारंटी का मतलब है कि अगर किसी छात्र के लोन का भुगतान नहीं होता है, तो बैंकों को उस राशि का 75% सरकार द्वारा कवर किया जाएगा। इस गारंटी के चलते बैंकों को अधिक से अधिक छात्रों को कर्ज देने में सहूलियत होगी।
इसके अलावा, इस योजना के तहत 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज छूट दी जाएगी। यह छूट पहले से ही 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को दी जाने वाली पूर्ण ब्याज छूट के अतिरिक्त है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और सुविधाएं
छात्रों के लिए लोन की आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत छात्र आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस डिजिटल प्रक्रिया से छात्रों को एक सरल और छात्र-अनुकूल अनुभव प्राप्त होगा, जिससे आवेदन के दौरान किसी प्रकार की जटिलता या कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने इस योजना के तहत एक स्पेशल लोन उत्पाद का भी प्रावधान किया है, जो छात्रों को जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त एजुकेशन लोन प्रदान करेगा।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का व्यापक प्रभाव
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से देश के लाखों छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिलेगा। इसका प्रभाव दूरगामी होगा क्योंकि इससे योग्य छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी और वे बिना किसी आर्थिक दबाव के अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे। इस योजना का उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि इसका मकसद उन छात्रों की योग्यता का सही उपयोग करना है जो शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
सरकार की इस योजना से न केवल छात्रों को बल्कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि इससे योग्य छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी और उच्च शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा। इसके अलावा, यह योजना छात्रों को उनकी शिक्षा पूरी करने के बाद स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करेगी, जो देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना देश के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है, जो वित्तीय कठिनाइयों के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इसके तहत छात्रों को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी बल्कि उच्च शिक्षा तक पहुंच भी बढ़ेगी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है और उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करना है। सरकार की इस पहल से शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है, जिससे न केवल छात्रों बल्कि पूरे समाज को लाभ होगा।