दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले 25 दिनों से लगातार खतरनाक बना हुआ है। राजधानी की हवा जहरीली हो चुकी है और यह स्थिति श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। डॉक्टर लगातार लोगों को सतर्क रहने और मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन लंबे समय तक मास्क पहनना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
सर गंगा राम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. उज्ज्वल पारख ने बताया कि प्रदूषकों के लंबे संपर्क में रहने से श्वसन तंत्र में सूजन, वायुमार्ग का संकुचन और फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट हो सकती है। इससे अस्थमा, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का इलाज और भी जटिल हो जाता है।
वहीं, डॉ. अंकिता गुप्ता, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की सहायक प्रोफेसर, ने बताया कि वायु प्रदूषण फेफड़ों में मौजूद संवेदनशील कणिकाओं को प्रभावित कर श्वसन तंत्र की समस्याओं को बढ़ा रहा है। इसके चलते सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, और गंभीर मामलों में संक्रमण की समस्या हो रही है।
दिल्ली में गंभीर स्थिति, AQI 450 के पार
शनिवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 420 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। राजधानी के 38 निगरानी केंद्रों में से 9 केंद्रों पर AQI 450 से ऊपर दर्ज किया गया, जिसे ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी माना जाता है। 19 अन्य केंद्रों पर AQI 400 से 450 के बीच रहा।
विशेष रूप से, लोनी क्षेत्र में AQI 403 और नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में 402 दर्ज किया गया। दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ या ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
पिछले कुछ दिनों में हवा की स्थिति में मामूली सुधार देखने को मिला था, लेकिन शुक्रवार और शनिवार को प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ गया। राजधानी में 30 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता पहली बार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंची थी और तब से स्थिति में कोई स्थायी सुधार नहीं हुआ है।
तापमान और कोहरा बढ़ा रहे मुश्किलें
दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ-साथ कोहरे और प्रदूषण का असर बढ़ता जा रहा है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक है। सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 97% रहा।
रविवार को भी कोहरे का असर दिखने की संभावना है। अनुमान है कि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। लगातार बढ़ता प्रदूषण और मौसम की अनुकूल स्थिति (जैसे हवा की गति धीमी और नमी का स्तर अधिक होना) प्रदूषण को फैलने से रोक रहे हैं।
प्रदूषण के खतरनाक असर
श्वसन तंत्र पर प्रभाव: लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी बीमारियां गंभीर हो सकती हैं।
हृदय संबंधी समस्याएं: प्रदूषण के कण रक्त प्रवाह में प्रवेश कर हृदय की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
द्वितीयक संक्रमण: गले में खराश, आंखों में जलन और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या बढ़ रही है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग सुबह-शाम के समय बाहर निकलने से बचें, घर के अंदर वायु शुद्धिकरण उपकरणों का इस्तेमाल करें, और स्वस्थ आहार लेकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
सरकार और प्रशासन से उम्मीदें
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक, पानी का छिड़काव, और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किए गए हैं। हालांकि, पराली जलाने और वाहन उत्सर्जन जैसे बड़े कारणों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
दिल्ली की जहरीली हवा ने आम लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है। लगातार बढ़ता प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामान्य जनजीवन को भी प्रभावित कर रहा है। सरकार और नागरिकों को एकजुट होकर प्रदूषण से निपटने के प्रयास करने होंगे, ताकि आने वाले समय में हालात और ज्यादा बिगड़ने से रोके जा सकें।