
पंजाब में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 महीनों से बैठे किसानों को आखिरकार हटा दिया गया। पंजाब पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाकर इन दोनों बॉर्डर से किसानों के टेंट और मंचों को हटा दिया। इसके अलावा, किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल को मोहाली में हिरासत में ले लिया गया।
कैसे हुई कार्रवाई?
19 मार्च को किसान नेताओं की केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ चंडीगढ़ में सुबह 11 बजे बैठक हुई। यह बैठक करीब चार घंटे चली, जिसमें किसानों की मांगों पर चर्चा की गई। दोपहर 3 बजे बैठक खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने मीडिया को जानकारी दी और फिर शंभू और खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। लेकिन रास्ते में करीब 5 बजे पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इसके बाद, शाम 6 बजे पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों को भी हटाने की कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने पहले किसानों को खुद हटने की चेतावनी दी, लेकिन जब उन्होंने इनकार किया, तो शाम 7 बजे पुलिस ने जेसीबी मशीनों से उनके टेंट और मंचों को हटाना शुरू कर दिया।
पुलिस और किसानों के बीच टकराव
जब मोहाली में किसान नेताओं डल्लेवाल और पंधेर को हिरासत में लिया गया, तो किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। हालात को काबू में रखने के लिए कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। पुलिस ने भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
किसानों का विरोध और नारेबाजी
किसानों के टेंट हटाने के बाद बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचने लगे। उन्होंने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि यह कार्रवाई उनके हक के खिलाफ है।
क्या होगा आगे?
इस पूरी कार्रवाई के बाद किसान संगठन अपनी अगली रणनीति पर विचार कर रहे हैं। वहीं, पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है ताकि दोबारा धरना शुरू न हो सके।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 महीनों से जारी किसानों का धरना अब समाप्त हो गया है। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वहां से किसानों को हटा दिया और उनके टेंट तोड़ दिए। हालांकि, किसानों का विरोध जारी है और वे आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है।