पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को सोमवार, 6 जनवरी 2025 की अल सुबह पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी गांधी मैदान में बापू मूर्ति के पास चल रहे उनके धरने के दौरान हुई। प्रशांत किशोर (पीके) छात्रों के मुद्दों पर आमरण अनशन पर बैठे थे। पुलिस ने इसे अवैध प्रदर्शन बताते हुए कार्रवाई की और उन्हें हिरासत में लेकर एम्स ले गई। स्वास्थ्य जांच के बाद पुलिस उन्हें अज्ञात स्थान की ओर ले गई।
पुलिस की कार्रवाई और आरोप
पटना पुलिस ने इस मामले में कहा है कि गांधी मैदान में अवैध तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा था। प्रशांत किशोर को कई बार नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। उनके खिलाफ गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने सुबह करीब 3-4 बजे भारी संख्या में पहुंचकर प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किया। इस दौरान उनके समर्थकों का विरोध शुरू हो गया। पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए पीके को एंबुलेंस के जरिए वहां से हटाया और उन्हें पटना से बाहर नौबतपुर की ओर ले जाया गया।
पीके का अनशन जारी
जन सुराज की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर का आमरण अनशन अब भी जारी है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पटना के एम्स ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद पुलिस उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर लेकर चली गई।
जन सुराज के कार्यकर्ताओं और प्रशांत किशोर के समर्थकों का कहना है कि वे छात्रों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और यातायात में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं था।
समर्थकों में आक्रोश
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक उग्र हो गए। उनका कहना है कि लोकतांत्रिक तरीके से चल रहे प्रदर्शन को जबरदस्ती रोका गया। समर्थकों ने पुलिस प्रशासन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।
एक समर्थक ने कहा, “सुबह के तीन से चार बजे के बीच पुलिस ने प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को जबरन उठाया। छात्रों के साथ मारपीट की गई। यह लोकतंत्र का अपमान है।”
जिला प्रशासन की सफाई
दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने कहा है कि यह प्रदर्शन अवैध था और इससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़ सकता था। बार-बार नोटिस देने के बावजूद प्रशांत किशोर ने इसे अनसुना किया, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। प्रशासन ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों के बीच से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्रशांत किशोर और जन सुराज
प्रशांत किशोर, जो राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में चर्चित हैं, पिछले कुछ समय से जन सुराज अभियान के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठा रहे हैं। उनका अनशन छात्रों की समस्याओं को लेकर था। जन सुराज का दावा है कि प्रशांत किशोर छात्रों की शिक्षा, रोजगार, और अन्य अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
क्या है आगे की योजना?
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें सुबह 10 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उनके समर्थकों ने प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। जन सुराज ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है और सरकार पर दमनकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। जहां सरकार इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने का कदम बता रही है, वहीं जन सुराज और उनके समर्थकों का कहना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। अब सभी की निगाहें कोर्ट की सुनवाई और इस मामले पर आने वाले अगले घटनाक्रम पर टिकी हैं।