दिल्ली कूच की तैयारी, बजरंग पूनिया बोले- ‘अन्याय के खिलाफ खड़ा होना मेरा फर्ज़’
भारत के स्टार रेसलर और ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने एक बार फिर किसानों के समर्थन में खड़े होकर अपना समर्थन जाहिर किया है। बजरंग पूनिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ऐलान किया कि वह 14 दिसंबर को किसानों के आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने लिखा कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है और एक किसान पुत्र होने के नाते वे अपने किसान भाइयों-बहनों का दुख साझा करने जा रहे हैं।
शंभू बॉर्डर से होगा दिल्ली कूच
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान शंभू बॉर्डर पर जुटे हुए हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ एक बार फिर आंदोलन तेज करते हुए 14 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि किसान प्रदर्शन को 303 दिन पूरे हो चुके हैं, और अब वे अपने मांगों के समर्थन में बड़े कदम उठाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर को 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा।
बजरंग पूनिया का किसानों के लिए भावुक संदेश
बजरंग पूनिया ने अपनी पोस्ट में लिखा,
“अन्याय होता देख चुप रहना भी अन्याय को बढ़ावा देना होता है। मैं एक खिलाड़ी या राजनीति का छात्र होने से पहले एक किसान का बेटा हूं। शंभू बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान भाइयों के निहत्थे जत्थों पर सरकार की बर्बरतापूर्ण हिंसक कार्रवाई देख कर मन बहुत व्यथित और आक्रोशित है।”
उन्होंने यह भी लिखा कि वे 14 दिसंबर की सुबह 9 बजे पानीपत टोल नाके से अपने बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर शंभू बॉर्डर पहुंचेंगे। वहां वे किसानों के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को समझने और उन्हें समर्थन देने का कार्य करेंगे। उन्होंने सभी लोगों से जात-पात, धर्म और भाषा से परे होकर इस आंदोलन में साथ आने की अपील की।
कांग्रेस में शामिल हुए बजरंग पूनिया
हाल ही में बजरंग पूनिया और उनकी साथी रेसलर विनेश फोगाट ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। बजरंग को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया है। इस भूमिका में उन्होंने किसानों के हक में अपनी आवाज को और मजबूत कर दिया है।
किसान आंदोलन की प्रमुख मांगें
किसान आंदोलन को 303 दिन पूरे हो चुके हैं। किसान नेता सरवन सिंह ने सरकार से बातचीत की अपील करते हुए कहा कि वे उन किसानों की रिहाई की मांग करते हैं जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, उन्होंने फिल्मी सितारों, गायकों और धार्मिक नेताओं से आंदोलन को प्रचारित करने और समर्थन देने की अपील की है।
सरकार से बातचीत की उम्मीद
किसान नेता ने कहा कि सरकार की ओर से अब तक किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है, लेकिन वे बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने बताया कि किसान प्रदर्शनकारियों में से कई भूख हड़ताल पर हैं, और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है।
बजरंग पूनिया का समर्थन आंदोलन को देगा मजबूती
बजरंग पूनिया का इस आंदोलन में शामिल होना किसानों के लिए बड़ा समर्थन है। उनका यह कदम न केवल आंदोलन को मजबूती देगा, बल्कि सरकार पर भी दबाव बनाएगा। एक खिलाड़ी और किसान के बेटे के रूप में बजरंग पूनिया ने अपने इस कदम से यह साबित कर दिया है कि वे सामाजिक मुद्दों पर हमेशा किसानों के साथ खड़े हैं।
14 दिसंबर को होने वाला दिल्ली कूच किसानों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार सरकार और किसानों के बीच बातचीत का कोई हल निकलता है या नहीं।