
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्यपाल किसी भी विधेयक (बिल) को अनिश्चितकाल तक रोक कर नहीं रख सकता। यह मामला तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद से जुड़ा था। अब इस फैसले पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिक्रिया दी है और सुप्रीम कोर्ट से सीधे 14 सवाल पूछे हैं। ये सवाल राज्यपाल और राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों से जुड़े हैं।
मामला क्या है?
तमिलनाडु में कुछ समय पहले राज्य सरकार ने कुछ बिल पास किए थे, जिन्हें राज्यपाल ने मंज़ूरी देने से रोक दिया था। इसके खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 8 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्यपाल के पास वीटो पावर नहीं है और वो बिलों को लंबे समय तक रोककर नहीं रख सकता। अगर कोई बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है, तो उस पर तीन महीने में निर्णय लेना जरूरी है।
राष्ट्रपति ने क्या सवाल उठाए?
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से जिन 14 सवालों के जवाब मांगे हैं, वे भारत के संविधान के अनुच्छेद 200, 201, 361, 143, 142, 145(3) और 131 से जुड़े हैं। उन्होंने विशेष रूप से राज्यपाल और राष्ट्रपति की भूमिका पर स्पष्टीकरण मांगा है।
कुछ मुख्य सवाल इस प्रकार हैं:
-
जब राज्यपाल के पास कोई बिल आता है तो उनके पास कौन-कौन से संवैधानिक विकल्प होते हैं?
-
क्या राज्यपाल को फैसला लेते समय मंत्रिपरिषद की सलाह माननी अनिवार्य होती है?
-
क्या राज्यपाल का फैसला अदालत में चुनौती दी जा सकती है?
-
क्या अनुच्छेद 361 राज्यपाल के फैसलों की न्यायिक समीक्षा को रोकता है?
-
यदि संविधान में समयसीमा तय नहीं है, तो क्या कोर्ट इसे तय कर सकती है?
-
क्या राष्ट्रपति के फैसलों को भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है?
-
क्या सुप्रीम कोर्ट की राय लेना राष्ट्रपति के लिए जरूरी होता है?
-
अनुच्छेद 142 के तहत क्या सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति या राज्यपाल के संवैधानिक आदेशों में बदलाव कर सकता है?
क्यों हैं ये सवाल महत्वपूर्ण?
राष्ट्रपति के इन सवालों से यह साफ होता है कि संवैधानिक पदों की शक्तियों और जिम्मेदारियों पर स्पष्टता की ज़रूरत है। ये सवाल न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इससे देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर भी बहस छिड़ सकती है।
अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इन सवालों का जवाब किस तरह देता है और इससे आगे भारत के संवैधानिक ढांचे में क्या नई व्याख्या सामने आती है।