5 नवंबर 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला होगा। यह चुनाव अमेरिका के चार साल का भविष्य निर्धारित करेगा, और 50 राज्यों के मतदाता देश के नए राष्ट्रपति का चयन करेंगे। साथ ही अमेरिकी कांग्रेस के लिए भी मतदान होगा, जिसका काम कानून पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। नए राष्ट्रपति का कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होकर चार साल का होगा।
चुनावी मुद्दे: अर्थव्यवस्था और महंगाई
अर्थव्यवस्था इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है। बढ़ती महंगाई, रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, और कोरोना महामारी के बाद जीवन यापन की लागत ने आम अमेरिकियों की चिंताएं बढ़ाई हैं। हाल के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि 52% अमेरिकियों का मानना है कि उनकी आर्थिक स्थिति चार साल पहले से बदतर हुई है। कमला हैरिस और ट्रंप दोनों ने इस मुद्दे पर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध, महामारी के बाद की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं, और महंगाई की मार ने अमेरिकी जनता पर दबाव बढ़ाया है। ट्रंप ने अपनी पिछली नीतियों का हवाला देते हुए दावा किया है कि उनके कार्यकाल में महंगाई कम थी, जबकि अर्थशास्त्री मानते हैं कि ट्रंप के विदेशी वस्तुओं पर टैक्स लगाने से कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। इसके विपरीत, हैरिस का मानना है कि वर्तमान नीतियों से लोगों की जिंदगी में सुधार होगा।
स्वास्थ्य सेवा और गर्भपात के अधिकार
स्वास्थ्य सेवा पर भी दोनों उम्मीदवारों ने जोर दिया है। गर्भपात का अधिकार इस चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, खासकर जब सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों के फैसले के तहत “रो बनाम वेड” मामले को पलट दिया था। इस निर्णय के बाद हैरिस ने गर्भपात के अधिकारों की रक्षा का वादा किया है और इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मुद्दा बताया है। उनके लिए यह अधिकार एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा है, जिससे मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है।
लोकतंत्र और कानूनी मामले
अमेरिका में लोकतंत्र का मुद्दा भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण बना हुआ है। 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने के प्रयासों के बाद, ट्रंप पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगा था। उन पर चुनाव से पहले एक महिला को चुप रहने के लिए भुगतान करने का भी आरोप है, जिसका मुकदमा चुनाव के बाद नवंबर के अंत में शुरू होगा। ट्रंप के इन कानूनी मामलों ने चुनाव में लोकतंत्र और कानून की अहमियत को बढ़ा दिया है।
आव्रजन: ट्रंप की सख्त नीति
आव्रजन का मुद्दा ट्रंप समर्थकों के लिए महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने और सीमा को सख्ती से नियंत्रित करने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि वह अमेरिकी सीमा को लगभग बंद कर देंगे ताकि अवैध आव्रजन पर रोक लग सके। इसके विपरीत, हैरिस ने आव्रजन के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाया है और इसे सामाजिक समावेश का हिस्सा बताया है।
अंतिम दिनों का जोरदार प्रचार
चुनाव के अंतिम दिनों में हैरिस और ट्रंप दोनों ही मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने-अपने मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। कमला हैरिस ने लोगों को महंगाई और रोजमर्रा की जिंदगी की चुनौतियों से राहत दिलाने का वादा किया है, वहीं ट्रंप ने अपनी नीतियों को सस्ता जीवन सुनिश्चित करने का दावा किया है। दोनों के दृष्टिकोण अलग हैं, जिससे मतदाताओं के बीच स्पष्ट विकल्प बन गए हैं।
अमेरिकी चुनाव में मतदाता केवल राष्ट्रपति ही नहीं बल्कि कांग्रेस के सदस्यों का भी चुनाव करेंगे। इसलिए यह चुनाव देश के नीतिगत दिशा को भी निर्धारित करेगा।