आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पहुंचकर संगम तट पर पूजा अर्चना की और इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। उनके साथ इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने संगम तट पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पूजा की और देश की आध्यात्मिक धरोहर को प्रकट करते हुए महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपना उत्साह व्यक्त किया।
महाकुंभ 2025 के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ 2025 की सफलता के लिए प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें प्रमुख रूप से 10 नए रोड ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर, स्थायी घाट, रिवरफ्रंट सड़कें और रेल परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाना और शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाना है। इन परियोजनाओं से प्रयागराज में बेहतर यातायात व्यवस्था, आधुनिक सुविधाएं और पर्यटन क्षेत्र में भी विकास होगा।
महाकुंभ का महत्व और प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के महत्व पर बात करते हुए कहा, “महाकुंभ को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे कर्मचारियों, श्रमिकों और सफाई कर्मियों का मैं विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। अगले साल महाकुंभ का आयोजन देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पहचान को नए शिखर पर पहुंचाएगा। यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एकता का प्रतीक बनेगा। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि यह महाकुंभ एक ऐसी महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा दुनिया भर में होगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अनगिनत पवित्र नदियों का उल्लेख करते हुए कहा, “यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों का प्रवाह, इन तीर्थों का महत्व, उनका संगम और संयोग, यही प्रयागराज की विशेषता है।” उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को पूरी दुनिया में पहचान मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की पूजा और दर्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ 2025 के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत संगम तट पर पूजा और दर्शन से की। उन्होंने सबसे पहले गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पूजा की, और फिर अक्षय वट वृक्ष की पूजा की। इसके बाद उन्होंने हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में भी दर्शन किए। इन धार्मिक स्थलों की पूजा और दर्शन के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति और धार्मिक महत्व को बढ़ावा देने की बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आयोजन को एक विशेष ऐतिहासिक घटना बताया और यह विश्वास जताया कि इस आयोजन से प्रयागराज और पूरे देश की धार्मिक और सांस्कृतिक स्थिति में नई ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान होने वाली गतिविधियां और श्रद्धालुओं का समागम पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की महिमा को प्रस्तुत करेगा।
महाकुंभ के लिए तैयारियां और भविष्य की दिशा
महाकुंभ 2025 की तैयारियों के लिए प्रयागराज में चल रही परियोजनाओं और विकास कार्यों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रयास न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रासंगिक हैं। इन परियोजनाओं के तहत शहर में जल प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाओं को सुधारने का कार्य चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अहम हिस्सा है जो पूरी दुनिया में भारतीय सभ्यता की उपस्थिति को प्रकट करेगा। उन्होंने इस आयोजन को भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक के रूप में देखा।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश सरकार इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर कदम पर इस आयोजन की सफलता के लिए काम कर रही है और आने वाले समय में महाकुंभ के आयोजन के लिए और भी कई परियोजनाओं की घोषणा की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा और महाकुंभ 2025 के लिए की गई तैयारियों से यह स्पष्ट है कि यह आयोजन भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव बनेगा।