की।
प्रियंका गांधी का दिल्ली को ‘गैस चैंबर’ कहना
प्रियंका गांधी केरल के वायनाड से दिल्ली लौटीं, जहां उन्होंने चुनाव प्रचार किया था। राजधानी की जहरीली हवा के बारे में अपनी चिंता जाहिर करते हुए प्रियंका ने कहा कि दिल्ली लौटना किसी ‘गैस चैंबर’ में प्रवेश करने जैसा है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वायनाड से दिल्ली वापस आना किसी गैस चैंबर में जाने जैसा था, और आकाश से दिल्ली के ऊपर धुंध की मोटी चादर देखकर स्थिति और भी भयावह लगती है। उन्होंने कहा कि वायनाड में हवा साफ है और वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सिर्फ 35 है, जबकि दिल्ली का AQI हर साल लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे वहां के निवासियों का जीवन दूभर हो गया है।
प्रियंका ने दिल्ली की खराब होती स्थिति पर गंभीरता से विचार करने और इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ हवा का मुद्दा किसी एक राजनीतिक दल का नहीं बल्कि सभी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए। प्रियंका ने कहा कि इस समस्या का समाधान खोजना आवश्यक है, ताकि दिल्ली के लोग स्वच्छ और सांस लेने योग्य हवा में जी सकें।
वायनाड की साफ हवा से हुआ अंतर स्पष्ट
प्रियंका गांधी ने दिल्ली और वायनाड के वायु गुणवत्ता स्तर में तुलना करते हुए कहा कि वायनाड की हवा साफ है, वहां का AQI 35 है, जबकि दिल्ली का AQI प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा का हाल ऐसा है कि इसे देखना भी असहनीय होता जा रहा है। दिल्ली के आसमान में छाई धुंध की चादर को देखकर साफ है कि यहां के लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। प्रदूषण की इस बढ़ती स्थिति से न केवल सामान्य लोग बल्कि बच्चों और वृद्धजनों की सेहत पर भी गंभीर असर पड़ रहा है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर नियंत्रण का प्रयास जरूरी
प्रियंका गांधी ने कहा कि दिल्ली का वायु प्रदूषण पूरे देश के लिए चिंता का विषय है और इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हर साल बढ़ते हुए प्रदूषण का स्तर स्पष्ट संकेत है कि अगर इस पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। दिल्ली जैसे महानगर में बढ़ते प्रदूषण का असर स्वास्थ्य और सामान्य जीवन पर भारी पड़ रहा है और इसका समाधान खोजना अत्यावश्यक है।
प्रियंका गांधी की चुनावी पारी की शुरुआत वायनाड से
प्रियंका गांधी ने वायनाड से अपनी पहली चुनावी पारी शुरू की है। वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के बाद, प्रियंका को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत सुनिश्चित करें। वायनाड सीट पर उपचुनाव इसलिए कराया गया क्योंकि उनके भाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस सीट को छोड़ दिया था। राहुल गांधी ने पिछली बार वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव जीता था, लेकिन बाद में उन्होंने वायनाड की सीट छोड़ने का फैसला किया। प्रियंका गांधी इस बार वायनाड से चुनाव लड़ रही हैं और यह उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए क्या होनी चाहिए योजना
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार ने कई उपाय किए हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए दीर्घकालिक और ठोस योजना की आवश्यकता है। सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या, उद्योगों से निकलता धुआं, और आसपास के राज्यों में पराली जलाने जैसी गतिविधियां दिल्ली के प्रदूषण स्तर को प्रभावित कर रही हैं। इसके समाधान के लिए दिल्ली-एनसीआर में साझा योजनाएं बनानी होंगी ताकि प्रदूषण का स्तर काबू में लाया जा सके।
दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे को लेकर सभी दलों को एकजुट होकर काम करना होगा। वायनाड की तुलना में दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर बेहद खराब है, जो एक गंभीर समस्या है। प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई है और उनके संदेश के माध्यम से उम्मीद जताई जा सकती है कि अन्य राजनीतिक दल और नागरिक भी इस समस्या को हल करने के लिए सक्रिय होंगे।