इस बार उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित अन्य प्रदेशों में धान खरीद सीजन की शुरुआत से ही किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर राज्य सरकार केंद्र पर खरीद न होने का आरोप मढ़ रही है, वहीं भाजपा नेता इस स्थिति को प्रदेश सरकार की विफलता बता रहे हैं। धान खरीद को लेकर पिछले एक महीने से राज्य और केंद्र सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है, लेकिन इसका समाधान होता नहीं दिख रहा। नतीजतन, किसान अपनी मेहनत की उपज के साथ दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
राज्य सरकार का आरोप: केंद्र की नीतियों के चलते मंडियों में रुकावट
प्रदेश सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर प्रदेश के गोदामों से पिछले सीजन का धान नहीं उठाया, जिसके कारण मौजूदा सीजन में गोदामों में जगह की कमी हो गई है। इसके चलते राइस मिलर्स धान खरीदने में सक्षम नहीं हैं और उन्होंने मंडियों से धान कम मात्रा में खरीदा, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ा है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि मंडियों में धान की मात्रा बढ़ती जा रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने धान खरीद से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर सहयोग की मांग की थी। केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया, लेकिन हालात में कोई बड़ा सुधार नहीं हो सका। मुख्यमंत्री ने केंद्र से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की, ताकि धान खरीद में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सके।
आप पार्टी का प्रदर्शन, भाजपा दफ्तर के बाहर हंगामा
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश में भाजपा पर निशाना साधते हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का ऐलान किया। बुधवार को पार्टी के कई कैबिनेट मंत्रियों के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें कई आप नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। आप नेताओं का आरोप है कि भाजपा सरकार राज्य के किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है और केंद्र जानबूझकर धान खरीद प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।
भाजपा की प्रतिक्रिया: ‘आप’ पर ड्रामेबाजी का आरोप
केंद्रयी राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आम आदमी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि आप नेता केवल ड्रामेबाजी कर रहे हैं। बिट्टू ने कहा कि अच्छा होता अगर आप के कैबिनेट मंत्री भाजपा दफ्तर के बाहर हंगामा करने के बजाय मंडियों में जाकर धान खरीद और लिफ्टिंग का कार्य देखते और उसे तेज करने का प्रयास करते। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर आप सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती, तो उसे यह जिम्मेदारी केंद्र के हाथों में सौंप दे।
बिट्टू ने कहा कि आम आदमी पार्टी को धान खरीद की प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है और इस मुद्दे पर राजनीति करना उनकी प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद कभी किसी मंडी में नहीं गए हैं और उनके मंत्री मंडियों के बजाय भाजपा कार्यालय का घेराव कर रहे हैं। बिट्टू ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने राजनीति को निचले स्तर तक गिरा दिया है।
किसानों की समस्याएं: मंडियों में धान का स्टॉक और विक्रय में देरी
धान की फसल को तैयार करने में किसानों ने पांच महीने की कड़ी मेहनत की है, लेकिन अब मंडियों में खरीद में देरी के चलते किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। मंडियों में धान की भारी मात्रा जमा हो रही है, लेकिन उठान की प्रक्रिया धीमी होने से फसल का विक्रय ठप पड़ा है। गोदामों में जगह की कमी के कारण राइस मिलर्स धान की खरीद कम मात्रा में कर रहे हैं, जिससे मंडियों में दबाव बढ़ता जा रहा है।
राजनीतिक घमासान का असर: किसान हो रहे प्रभावित
इस बार धान खरीद सीजन में राज्य और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। जहां प्रदेश सरकार केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा नेताओं का मानना है कि प्रदेश सरकार इस समस्या का हल निकालने में असमर्थ साबित हो रही है। दोनों दलों के बीच जारी इस तनातनी का खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो मंडियों में अपनी फसल लेकर बैठे हुए हैं और उचित कीमत पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
धान खरीद के इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रही सियासी खींचतान ने किसानों की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। राज्य सरकार जहां केंद्र को दोषी ठहरा रही है, वहीं भाजपा नेता इसे राज्य सरकार की नाकामी बता रहे हैं। इस सियासी गतिरोध में किसान सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। यह समय है कि दोनों सरकारें मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें, ताकि किसानों की मेहनत की फसल को उचित मूल्य पर खरीदा जा सके।