नाती हैं।
मनमोहन सिंह का निधन और शोक
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में उम्र संबंधी समस्याओं के कारण इलाज के दौरान निधन हो गए थे। उनके निधन पर भारत और दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया।
अस्थियों का विसर्जन
डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को 29 दिसंबर को मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में रखा गया। वहां शबद कीर्तन, पाठ और अरदास का आयोजन किया गया। इसके बाद, उनके परिजनों ने इन अस्थियों को यमुना नदी में विसर्जित कर दिया, जो कि एक हिंदू धार्मिक परंपरा का हिस्सा है।
स्मारक का उद्देश्य
डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक भारतीय राजनीति और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद करने के लिए होगा। उनका प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने, वैश्विक स्तर पर भारत के सम्मान को बढ़ाने और देश की राजनीति में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण रहा। उनकी नीतियों और दृष्टिकोण ने देश को एक नई दिशा दी, और उनका स्मारक उन योगदानों को सम्मानित करने का एक तरीका होगा।