पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हेलमेट के इस्तेमाल से जुड़े विवाद पर एक बार फिर स्थिति को स्पष्ट करते हुए सख्त आदेश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि चार साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए दोपहिया वाहनों पर हेलमेट लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं के हेलमेट पहनने के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
पिछले आदेशों पर स्पष्टीकरण
हाई कोर्ट ने इस संबंध में और स्पष्टीकरण दिया है और केंद्र सरकार से यह सिफारिश की है कि इस मामले में एक विशेष ख्रड़ा तैयार किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोपहिया वाहनों पर बैठी महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनना जरूरी होगा, जैसे कि चालकों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
हाई कोर्ट ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए यह भी कहा कि सिख धर्म के पुरुषों और महिलाओं को दस्तारधारी होने के कारण हेलमेट पहनने से छूट दी जाएगी, चाहे वे दोपहिया वाहन चला रहे हों या उसमें पीछे बैठे हों।
चालान के विवरण की मांग
हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की ट्रैफिक अथॉरिटीज से यह भी पूछा है कि वे कैसे और किन परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों को हेलमेट न पहनने पर चालान कर रहे हैं। कोर्ट ने जानकारी मांगी है कि महिला दोपहिया वाहन चालकों से कितने चालान किए गए हैं और कितने चालान उन महिलाओं के लिए किए गए हैं जो दोपहिया वाहनों में बिना हेलमेट के बैठी पाई गईं।
हाई कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट है कि चार साल से बड़े बच्चों और महिलाओं के लिए दोपहिया वाहन पर हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा। इससे सड़कों पर सुरक्षा में सुधार हो सकता है और सड़क हादसों में कमी आ सकती है। इसके साथ ही, सिख धर्म के आधार पर छूट भी जारी की गई है, जो लोगों में संतोष का कारण बन सकती है।