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हाल ही में अमेरिका से जबरन देश निकाला दिए गए 116 भारतीयों को लेकर पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस घटना को पंजाब और पंजाबी समुदाय को बदनाम करने की साजिश बताया।
पंजाबियों को जंजीरों में बांधकर भेजना अपमानजनक
कुलतार सिंह संधवां ने कहा, “पंजाबियों को बेड़ियों में जकड़कर डिपोर्ट करना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह पंजाब और उसकी संस्कृति को बदनाम करने के समान है। अमेरिका में कई देशों के लोग अवैध तरीके से रहते हैं, लेकिन सिर्फ पंजाबियों को ही अपराधियों की तरह भेजना और उन्हें जंजीरों में बांधना बेहद शर्मनाक है।”
केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल
संधवां ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से चुप है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विदेशी नेताओं के साथ दोस्ती निभाने में व्यस्त है, लेकिन जब भारतीयों को इस तरह बेइज्जत किया जाता है, तो वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देती। उन्होंने पूछा, “मोदी जी ट्रंप के साथ हाथ मिला रहे हैं, लेकिन ट्रंप भारतीयों को अपराधियों की तरह बेड़ियों में बांधकर सेना के जहाज से वापस भेज रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
अमृतसर में जहाज उतारने पर आपत्ति
संधवां ने कहा कि अमेरिका ने जानबूझकर इन डिपोर्ट किए गए भारतीयों को अमृतसर में उतारा, ताकि पंजाब को बदनाम किया जा सके। उन्होंने कहा, “अगर डिपोर्ट किए गए लोग पूरे भारत के थे, तो फिर उन्हें दिल्ली या किसी अन्य बड़े शहर में क्यों नहीं उतारा गया?”
पंजाब सरकार ने की निंदा
पंजाब सरकार और कई अन्य नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की है।
यह घटना पंजाब और पूरे भारत के लिए एक बड़ा झटका है। लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से जवाब मांगे और भविष्य में ऐसे अमानवीय व्यवहार को रोके।