
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने 12वीं कक्षा के नतीजों की घोषणा कर दी है। इस बार कुल 91 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं, जो कि पिछले साल के मुकाबले 2 प्रतिशत कम है। फिर भी, नतीजों में छात्राओं ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है और मेरिट सूची में शीर्ष स्थान हासिल किए हैं।
हरसीरत कौर बनी टॉपर, हासिल किए पूरे अंक
इस साल की टॉपर बनी हैं बर्नाला की हरसीरत कौर, जिन्होंने कमाल करते हुए 500 में से पूरे 500 अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत ही बड़ी उपलब्धि है और हरसीरत ने पंजाब भर में पहला स्थान हासिल किया है। उनका यह प्रदर्शन न केवल परिवार बल्कि स्कूल और जिले के लिए भी गर्व की बात है।
दूसरे और तीसरे स्थान पर भी शानदार छात्र
दूसरे स्थान पर रही हैं फिरोज़पुर के कसोआणा गांव की मनवीर कौर, जिन्होंने 500 में से 498 अंक (99.6%) प्राप्त किए। वह एसएस मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कसोआणा की छात्रा हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर रहे मानसा जिले के टिक्की गांव के अर्जुन, जिन्होंने 498 अंक प्राप्त किए हैं। अर्जुन श्री तारा चंद विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल टिक्की के छात्र हैं।
इस बार परीक्षा में कितने छात्र हुए शामिल?
इस साल बोर्ड परीक्षा में कुल 2,65,388 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। नतीजों की घोषणा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए की। उन्होंने बताया कि हालांकि पास प्रतिशत थोड़ा गिरा है, लेकिन कुल प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।
ऐसे देखें अपना रिजल्ट ऑनलाइन
विद्यार्थी अपना परिणाम देखने के लिए पंजाब बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट pseb.ac.in पर जा सकते हैं। इसके अलावा, परिणाम डिजीलॉकर पोर्टल और उसकी मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके छात्र अपना रिजल्ट आसानी से देख सकते हैं:
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सबसे पहले pseb.ac.in वेबसाइट पर जाएं।
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होमपेज पर दिए गए ‘रिजल्ट’ सेक्शन पर क्लिक करें।
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वहां पर 12वीं कक्षा का रिजल्ट लिंक खोजें और उस पर क्लिक करें।
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अब अपना रोल नंबर, जन्म तिथि और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज करें।
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सबमिट बटन दबाएं, और स्क्रीन पर आपका रिजल्ट दिखाई देगा।
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चाहें तो आप उसका प्रिंटआउट भी ले सकते हैं।
हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने मेरिट लिस्ट में आगे रहकर साबित किया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। पंजाब बोर्ड के इस साल के नतीजे प्रेरणादायक हैं और आने वाले छात्रों के लिए एक मिसाल हैं। जो छात्र थोड़े पीछे रह गए हैं, उनके लिए भी यह सीखने का मौका है कि अगली बार और बेहतर कैसे किया जा सकता है।