
भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के जरिए पंजाब के पानी को हरियाणा को देने के फैसले के खिलाफ अब पंजाब सरकार का विरोध और तेज हो गया है। इसी कड़ी में पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब और पंजाबियों के हक के पानी को छीनने की साज़िश किसी भी हाल में सफल नहीं होने दी जाएगी।
हरदीप मुंडिया ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार और हरियाणा की सरकार पंजाब के खिलाफ एकजुट होकर काम कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी रणनीति है, जिसके तहत पंजाब का पानी जबरन छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार इस अन्याय के खिलाफ हर जरूरी कदम उठाएगी और पंजाब के हक की रक्षा करेगी।
मुंडिया ने पंजाब बीजेपी नेताओं पर भी सवाल खड़े किए और उनसे पूछा कि वो इस पूरे मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी पर हो रहे हमले के खिलाफ जब आवाज उठाने की जरूरत है, तब राज्य के बीजेपी नेता खामोश हैं। उन्होंने इस चुप्पी को “पंजाब विरोधी रवैया” बताया।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि पहले भी केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब के हितों के खिलाफ काम करते आए हैं। उद्योगों को रियायतें देकर पंजाब की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाया गया, और अब पानी के अधिकार पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब एक रिपेरियन स्टेट (यानि नदी के किनारे बसा राज्य) है और उसे अपने पानी पर पहला अधिकार है। लेकिन अब ये हक भी छीने जा रहे हैं।
हरदीप मुंडिया ने कहा कि पंजाब सरकार पूरी तरह से वचनबद्ध है कि राज्य के पानी की रक्षा की जाएगी। कोई भी बाहरी दबाव या राजनीतिक दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि बीजेपी के मंसूबे पंजाब की धरती पर सफल नहीं होंगे।
पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद नया नहीं है, लेकिन इस बार मामला और गंभीर होता दिख रहा है। पंजाब सरकार का साफ कहना है कि राज्य पहले ही जल संकट से जूझ रहा है, ऐसे में एक बूंद पानी भी जबरन नहीं दी जाएगी। अब देखना होगा कि यह टकराव किस मोड़ पर जाकर खत्म होता है।