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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य में अनाज के भंडारण की प्रक्रिया को तेज करें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि खरीद प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के और सुचारू रूप से चलती रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सोमवार को अपनी सरकारी निवास पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले खरीफ सीजन में स्टोरेज की कमी के कारण मंडियों में खरीद और भुगतान पर नकारात्मक असर पड़ा था। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने आगामी महीनों में राज्य में 60 लाख मीट्रिक टन अनाज स्टोर करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान करता है और राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि खरीद सीजन के दौरान किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो। इसके लिए स्टोरेज के लिए पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को कोई दिक्कत न आए।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि वह पंजाब से गेहूं और चावल को स्टोर करने की प्रक्रिया में तेजी लाए। इसके माध्यम से, आगामी खरीफ सीजन 2025-26 के दौरान गेहूं के स्टोरेज के लिए उचित स्थान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि 2024-25 के खरीफ सीजन में राज्य में 171.86 लाख मीट्रिक टन धान की पैदावार हुई है, जिसमें से 116.30 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी होनी है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 33.74 लाख मीट्रिक टन (29.02 प्रतिशत) चावल की डिलीवरी हो चुकी है और 31 मार्च 2025 तक 82.53 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी की जानी है। उन्होंने बताया कि FCI ने 31 दिसंबर 2024 तक 40 लाख मीट्रिक टन और 31 मार्च 2025 तक 90 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण के लिए स्थान उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि पंजाब ने 1635 स्पेशल ट्रेनें भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन FCI ने फरवरी महीने तक केवल 197 स्पेशल ट्रेनें भेजने की योजना बनाई है और अब तक केवल 109 ट्रेनें भेजी गई हैं। इस मुद्दे को जल्द हल करने के लिए केंद्र सरकार से और प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में इस मसले को केंद्रीय सरकार के सामने उठाया जाएगा ताकि देश के हित में यह समस्या जल्दी से हल हो सके। उन्होंने बताया कि अमृतसर, मोगा, पटियाला और तरनतारन जिलों में स्टोरेज के लिए स्थान की कमी है और जिला अधिकारियों को और फील्ड स्टाफ को आपातकालीन योजनाएं बनाने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार आने वाले खरीद सीजन में अनाज की खरीद और भुगतान को निर्बाध और सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।