
पंजाब में सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे अश्लील और भ्रामक कंटेंट को लेकर अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग ने इस संबंध में एक अहम कदम उठाते हुए एडीजीपी (साइबर क्राइम) को पत्र जारी कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया का प्रभाव आज बच्चों पर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। वहीं कुछ लोग सिर्फ पैसे कमाने के उद्देश्य से गलत और अश्लील वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं, जो कि बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
किस प्रकार के कंटेंट पर रोक?
आयोग ने खास तौर पर लज्जाहीन भाषा, दो-अर्थी संवादों वाले वीडियो, नशे और गन कल्चर को बढ़ावा देने वाली सामग्री को तुरंत हटाने और उस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा कि इस प्रकार की सामग्री समाज के लिए बेहद नुकसानदेह है और बच्चों को गलत दिशा में ले जा सकती है।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति का सुझाव
पत्र में यह भी कहा गया है कि इस तरह की सामग्री पर नजर रखने के लिए मुख्य कार्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो समय-समय पर इन गतिविधियों की निगरानी कर सके और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे।
विदेशों से अपलोड होने वाले कंटेंट पर भी नजर
यदि कोई आपत्तिजनक कंटेंट विदेश से अपलोड हो रहा है, तो आयोग ने उस वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट को भारत में बैन करने की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, ऐसे कंटेंट को देखकर नई सामग्री तैयार करने और अपलोड करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है।
15 दिनों में रिपोर्ट मांगी
आयोग ने सभी निर्देशों पर अमल की स्थिति के बारे में आगामी 15 दिनों में एक लिखित रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसका मकसद यह है कि कोई भी व्यक्ति बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से खिलवाड़ न कर सके और सोशल मीडिया को जिम्मेदार प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल किया जाए।
यह पहल बच्चों को सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण देने की दिशा में एक बड़ा और स्वागतयोग्य कदम मानी जा रही है।