
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के बाद मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे हैं। इस इंटरव्यू के बाद बाजवा के खिलाफ साइबर क्राइम से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ यह FIR मोहाली के स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197(1)(d) और 353(2) के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि बाजवा ने इंटरव्यू में कुछ ऐसे बयान दिए जो कानून व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सवाल खड़े करते हैं।
FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने प्रताप सिंह बाजवा को आज दोपहर 12 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वे पेश नहीं हुए। उनकी जगह उनके वकील मोहाली पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। वकीलों ने कहा कि बाजवा किसी कारणवश आज नहीं आ सकते, इसलिए उन्हें एक दिन की मोहलत दी जाए।
कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
इस बीच, बाजवा की तरफ से जिला अदालत का रुख किया गया, जहां उनके वकीलों ने FIR की कॉपी देने और कार्रवाई के लिए समय की मांग की। अदालत ने इस मामले में पुलिस को मौखिक निर्देश दिए हैं कि FIR की कॉपी ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जाए, ताकि प्रताप बाजवा और उनके वकील इसे देख सकें और उचित कानूनी कार्रवाई कर सकें।
कोर्ट ने यह भी कहा कि FIR की लिखित कॉपी भी प्रतिवादी या उनके वकीलों को दी जानी चाहिए, ताकि वो अपने बचाव में सही तरीके से कानूनी प्रक्रिया अपना सकें।
अब क्या होगा?
पुलिस ने प्रताप बाजवा को अब कल दोपहर 2 बजे पूछताछ के लिए तलब किया है। माना जा रहा है कि अगर वो कल भी पेश नहीं होते, तो पुलिस आगे की कार्रवाई कर सकती है। वहीं, बाजवा की तरफ से भी यह कोशिश की जा रही है कि मामले को अदालत में चुनौती देकर राहत ली जाए।
सियासी गर्मी बढ़ी
इस मामले ने पंजाब की सियासत में गर्मी ला दी है। जहां आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार इस पर कानून के तहत कार्रवाई की बात कह रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बता रही है। प्रताप बाजवा पहले भी मुख्यमंत्री भगवंत मान और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि बाजवा इस मामले में कोर्ट से क्या राहत पाते हैं और पंजाब की राजनीति में इस घटनाक्रम का क्या असर पड़ता है।