पंजाब ने अपने राजस्व संग्रह में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले 9 महीनों में वैट, सीएसटी, जीएसटी, पीएसडीटी और आबकारी करों से कुल 31,156.31 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की समान अवधि में 27,927.31 करोड़ रुपये के मुकाबले 3,229 करोड़ रुपये अधिक है। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस उपलब्धि की जानकारी दी।
जीएसटी और आबकारी कर में उल्लेखनीय वृद्धि
दिसंबर 2024 में जीएसटी और आबकारी राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। दिसंबर 2024 में नेट जीएसटी से 2,013.20 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो दिसंबर 2023 के 1,568.36 करोड़ रुपये से 444.84 करोड़ रुपये अधिक है। इसी तरह, दिसंबर 2024 में आबकारी राजस्व 154.75 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 880.92 करोड़ रुपये रहा, जबकि दिसंबर 2023 में यह 726.17 करोड़ रुपये था।
करों से प्राप्त राजस्व का ब्योरा
2024-25 के पहले 9 महीनों में राज्य ने विभिन्न करों से निम्नलिखित राजस्व प्राप्त किया:
- वैट: 5,643.81 करोड़ रुपये
- सीएसटी: 274.31 करोड़ रुपये
- जीएसटी: 17,405.99 करोड़ रुपये
- पीएसडीटी: 139.10 करोड़ रुपये
- आबकारी: 7,693.1 करोड़ रुपये
इसके विपरीत, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान इन्हीं करों से क्रमशः 5,385.24 करोड़ रुपये, 220.72 करोड़ रुपये, 15,523.74 करोड़ रुपये, 121.6 करोड़ रुपये और 6,676.01 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।
आर्थिक नीतियों की सफलता का प्रमाण
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार की आर्थिक नीतियों और प्रशासनिक कुशलता ने इस वृद्धि को संभव बनाया है। उन्होंने इसे राज्य की मजबूत वित्तीय रणनीति और टिकाऊ विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
राज्य की वित्तीय स्थिरता का संकेत
राज्य द्वारा जीएसटी राजस्व में 28.36% और आबकारी राजस्व में 21.31% की वृद्धि दर दर्ज की गई है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पंजाब न केवल अपने कराधान प्रणाली को मजबूत कर रहा है, बल्कि अपने आर्थिक संसाधनों का भी प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहा है।
यह उपलब्धि राज्य सरकार की पारदर्शी और प्रभावी कराधान नीतियों का नतीजा है, जिससे न केवल आर्थिक स्थिरता बढ़ी है, बल्कि राज्य के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन भी उपलब्ध हुए हैं।