
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों के धरना स्थल को हटाने के फैसले को सही ठहराया है। उनका कहना है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे धरने के कारण हाईवे बंद थे, जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा था। इंडस्ट्री और कारोबार पर इसका गहरा असर पड़ा, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी कम हो रहे थे।
हाईवे बंद होने से कारोबार पर असर
हरपाल चीमा ने कहा कि राज्य की आर्थिक व्यवस्था का बड़ा हिस्सा परिवहन और व्यापार पर निर्भर करता है। हाईवे लंबे समय से बंद रहने की वजह से कई उद्योगों को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा था, जिससे प्रोडक्शन ठप हो गया। छोटे और बड़े व्यापारी भी माल की सप्लाई न होने के कारण परेशान थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर कारोबार और इंडस्ट्री सही तरीके से चलेगी, तभी नई नौकरियां आएंगी और युवाओं का भविष्य बेहतर बनेगा।
किसानों के समर्थन में पंजाब सरकार
हरपाल चीमा ने यह भी साफ किया कि पंजाब सरकार किसानों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए हमेशा उनके साथ रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के मंत्री किसानों की मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
चीमा ने किसान संगठनों से अपील करते हुए कहा,
“हम किसान नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे पंजाब के विकास को बाधित किए बिना केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें। हम हमेशा से किसानों के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी उनके हक की लड़ाई में शामिल रहेंगे।”
धरना हटाना क्यों जरूरी था?
चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों की चिंताओं को समझती है, लेकिन राज्य की अर्थव्यवस्था और जनजीवन को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी था। पुलिस की कार्रवाई के बाद अब हाईवे खुल गए हैं, जिससे इंडस्ट्री और व्यापार को राहत मिलेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार केंद्र से लगातार किसानों के मुद्दों पर बातचीत कर रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सरकार के साथ सहयोग करें और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना अपनी मांगों को आगे बढ़ाएं।
क्या होगा आगे?
पंजाब सरकार के इस फैसले के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि किसान संगठनों की अगली रणनीति क्या होगी। क्या वे बातचीत के जरिए अपने मुद्दे हल करेंगे या दोबारा आंदोलन की राह अपनाएंगे? वहीं, सरकार भी हालात पर नजर बनाए हुए है और चाहती है कि जल्द से जल्द समाधान निकले।
हरपाल चीमा ने साफ कर दिया है कि पंजाब सरकार किसानों के साथ है, लेकिन साथ ही प्रदेश की आर्थिक प्रगति भी जरूरी है। हाईवे खुलने से अब इंडस्ट्री और कारोबार को राहत मिलेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर बन सकेंगे। अब देखना होगा कि इस पूरे मुद्दे पर आगे क्या हल निकलता है।