76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने अमृतसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की बेअदबी की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना को पंजाब की शांति और सद्भाव की संस्कृति के लिए एक बड़ा आघात बताया और कहा कि पंजाब सरकार और पुलिस इस मामले में दोषियों को कानून के दायरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
हरपाल सिंह चीमा ने एक प्रेस बयान में कहा कि यह अपराध न केवल डॉ. अंबेडकर की श्रद्धा का अपमान है, बल्कि भारतीय संविधान और उसके मूल्यों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस शर्मनाक घटना के दोषियों को पकड़ेगी और उन्हें कड़ी सजा दिलवाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब पूरी घटना की गहराई से जांच की जा रही है।
चीमा ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे इस तरह की विभाजनकारी और नफरत फैलाने वाली घटनाओं का एकजुट होकर विरोध करें और राज्य की शांति व्यवस्था बनाए रखें। उन्होंने कहा, “हम सभी को डॉ. अंबेडकर की विरासत का सम्मान करते हुए एकजुट होकर इस तरह की घटनाओं का सामना करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की धरती पर सद्भाव और भाईचारे की संस्कृति सदियों से रही है और यह हमेशा बनी रहेगी।
वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जब तक इस अपराध में शामिल सभी साजिशकर्ताओं को कानून के तहत सजा नहीं मिल जाती, तब तक सरकार चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा, “पंजाब की भूमि पर नफरत और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।” इसके अलावा, उन्होंने राज्य के नागरिकों से भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता और समानता के मूल्यों की रक्षा करने का आग्रह किया।
यह घटना उस समय घटी जब अमृतसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की गई, जिससे राज्य भर में आक्रोश फैल गया। इस बेअदबी की घटना ने पंजाब के नागरिकों को गहरी चोट पहुँचाई है, जो पहले से ही भाईचारे और शांति की संस्कृति को बनाए रखने में विश्वास रखते हैं।
इस कड़ी निंदा के बाद, अब पंजाब सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताई है और मामले की जांच में किसी भी तरह की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं करने का वादा किया है।