पंजाब सरकार ने एचएमपीवी (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) को लेकर स्वास्थ्य संस्थानों को सतर्क रहने का आदेश दिया है। राज्य में सरकार ने वायरस की संभावित स्थिति से निपटने के लिए गहरी तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर के तहत चल रहे गुरु नानक देव अस्पताल में 200 बिस्तरों का एक विशेष आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। साथ ही, अस्पताल में 50 से अधिक वेंटिलेटर लगाए गए हैं ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।
डॉक्टरों और कर्मचारियों को दिए विशेष निर्देश
पंजाब सरकार ने सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टरों के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों को अलर्ट रहने का आदेश दिया है। भले ही राज्य में अभी तक एचएमपीवी वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार ने एडवाइजरी जारी कर सभी को सजग रहने की हिदायत दी है।
क्या है एचएमपीवी वायरस और इसके लक्षण?
एचएमपीवी, यानी ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस, एक श्वसन संक्रमण से संबंधित वायरस है। यह कोविड-19 से मिलता-जुलता है, क्योंकि इसके लक्षण भी समान हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक बंद होना, थकावट, और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। खास बात यह है कि यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है।
हालांकि, भारत में अभी तक एचएमपीवी के कोई बड़े मामले सामने नहीं आए हैं। लेकिन चीन में इसके मामलों के तेजी से बढ़ने के बाद, भारत में इसे लेकर चिंता जताई जा रही है।
अमृतसर में सुरक्षा के खास इंतजाम
अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अंतरराष्ट्रीय सीमा होने की वजह से यहां के लोग इस वायरस को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. करमजीत सिंह ने बताया कि सरकार के निर्देश के बाद अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। साथ ही, मेडिकल स्टाफ को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा, “अभी तक पंजाब में इस वायरस का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन हमारी तैयारियां पूरी हैं। इसके लिए लगातार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस वायरस से कोविड की तरह ही सतर्कता के साथ निपटा जा सकता है।”
क्या कहती है एचएमपीवी की इतिहास?
एचएमपीवी वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने पहचाना था। हाल के दिनों में भारत के बेंगलुरु और कुछ अन्य जगहों पर इसके मामूली मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें अधिकतर छोटे बच्चे ही इसकी चपेट में आए हैं।
कोरोना का पहला मामला भी अमृतसर में आया था
कोरोना महामारी के दौरान अमृतसर पंजाब का सबसे पहला शहर था, जहां कोविड-19 का पहला मरीज भर्ती किया गया था। इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए अब एचएमपीवी को लेकर भी अस्पताल प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जनता के लिए एडवाइजरी
पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस वायरस को लेकर सतर्क रहें। इसके तहत लोगों को सलाह दी गई है कि भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें, बार-बार हाथ धोएं और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, विशेषकर शुगर और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
हालांकि पंजाब में एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार ने पहले से ही सतर्कता बरतते हुए जरूरी कदम उठाए हैं। जनता को घबराने की बजाय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना और समय-समय पर जांच कराना ही इस वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।