
जाब सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मशहूर निजी बैंक HDFC को डी-इंपैनल कर दिया है। इसका मतलब है कि अब यह बैंक राज्य सरकार के किसी भी वित्तीय लेनदेन में शामिल नहीं रहेगा। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि बैंक ने विभागों को समय पर फंड वापस नहीं किए, जिससे सरकारी कामकाज और वित्तीय लेन-देन पर गंभीर असर पड़ा।
वित्त विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के सभी विभागों के सचिवों, निदेशकों, पंचायतों, विकास प्राधिकरणों और बोर्ड-निगमों को पत्र जारी किया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि HDFC बैंक सरकारी आदेशों का पालन नहीं कर रहा और सरकार के साथ सही समन्वय नहीं कर पा रहा। ऐसे हालात में बैंक के साथ कोई भी सरकारी व्यवसाय जारी रखना मुश्किल है।
इस पत्र में सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि वे अब HDFC बैंक से कोई भी नया सरकारी लेन-देन न करें। साथ ही, जिन विभागों के खाते इस बैंक में हैं, वे उन्हें जल्द से जल्द किसी दूसरे सूचीबद्ध बैंक में स्थानांतरित कर लें।
सरकार ने इसके साथ ही उन बैंकों की सूची भी जारी की है जिनके साथ सरकारी लेन-देन किया जा सकता है। इस सूची में शामिल बैंक निम्नलिखित हैं:
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
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पंजाब नैशनल बैंक
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
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यूनियन बैंक
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बैंक ऑफ इंडिया
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यूको बैंक
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बैंक ऑफ बड़ौदा
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इंडसइंड बैंक
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आईसीआईसीआई बैंक
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आईडीबीआई बैंक
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फेडरल बैंक
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यस बैंक
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कोटक महिंद्रा बैंक
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पंजाब एंड सिंध बैंक
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केनरा बैंक
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र
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AU स्मॉल फाइनेंस बैंक
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कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक
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पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक
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पंजाब ग्रामीण बैंक
सरकार ने यह फैसला सरकारी धन की सुरक्षा, पारदर्शिता और समय पर कामकाज सुनिश्चित करने के लिए लिया है। अब राज्य के सभी विभाग इन सूचीबद्ध बैंकों के माध्यम से अपने वित्तीय कार्य पूरे करेंगे। यह कदम पंजाब सरकार के वित्तीय प्रशासन को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।