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पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से फिर से सीबीएसई (CBSE) के पाठ्यक्रम में पंजाबी भाषा को मुख्य विषय के रूप में शामिल करने की मांग की है। पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया और इसे पंजाब की भाषा और संस्कृति पर सीधा हमला बताया।
सीबीएसई के नए नियमों पर ऐतराज
सीबीएसई ने दसवीं कक्षा (2025-26) की परीक्षा प्रणाली में पांच मुख्य विषयों— गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी— को सूचीबद्ध किया है। इस बदलाव में पंजाबी को मुख्य विषयों की सूची से हटा दिया गया और इसे विदेशी भाषाओं की परीक्षा के साथ जोड़ दिया गया। पंजाब सरकार को यह फैसला मंजूर नहीं है और इसे पंजाबी भाषा को खत्म करने की साजिश करार दिया गया है।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “पंजाबी को मुख्य विषय से हटाना पंजाब की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान पर सीधा प्रहार है। हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भी हटाया
मंत्री ने यह भी बताया कि सीबीएसई ने पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भी बाहर कर दिया है, जबकि जर्मन, फ्रेंच, थाई और जापानी जैसी भाषाओं को शामिल रखा गया है। उन्होंने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाबी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि पंजाब की संस्कृति और पहचान का अहम हिस्सा है।
पंजाब सरकार का सख्त फैसला
पंजाब सरकार ने 26 फरवरी 2025 को एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश के सभी स्कूलों में पंजाबी को अनिवार्य मुख्य विषय बनाने का आदेश दिया था। इस आदेश के अनुसार, जो स्कूल पंजाबी नहीं पढ़ाएंगे, उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। सरकार ने यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया है कि राज्य के सभी विद्यार्थी पंजाबी भाषा सीखें।
पंजाब सरकार का केंद्र को संदेश
हरजोत सिंह बैंस ने केंद्र सरकार को सख्त संदेश देते हुए कहा कि यह कोई साधारण प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे पंजाबी भाषा को महत्वहीन बनाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए और पंजाबी को फिर से मुख्य विषय के रूप में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा, “पंजाब ने देश की आजादी और सुरक्षा के लिए हमेशा बलिदान दिए हैं। हमारी भाषा हमारी पहचान है, और हम इसे खत्म नहीं होने देंगे।”
सीबीएसई पर बढ़ता दबाव
मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार और मीडिया के दबाव के कारण सीबीएसई ने इस गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने इस मुद्दे की गहन जांच करवाने की मांग की और कहा कि हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक केंद्र सरकार पंजाबी को वापस मुख्य विषय के रूप में नहीं जोड़ेगी।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “मैं केंद्र सरकार से स्पष्ट आश्वासन चाहता हूं कि पंजाब के सभी सीबीएसई स्कूलों में पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में बहाल किया जाएगा।”
पंजाब सरकार ने सीबीएसई में पंजाबी भाषा को दोबारा मुख्य विषय बनाने की जोरदार मांग की है। राज्य सरकार ने पंजाबी को स्कूलों में अनिवार्य कर दिया है और कहा है कि जो स्कूल इसे लागू नहीं करेंगे, उनकी मान्यता खत्म कर दी जाएगी। पंजाब सरकार अब केंद्र से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है और इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखने की बात कह रही है।